कांग्रेस का आरजीएफ चंदे पर पलटवार, कहा 2020 की बात करे भाजपा

Congress retaliated on RGF donations, said BJP should talk about 2020
कांग्रेस का आरजीएफ चंदे पर पलटवार, कहा 2020 की बात करे भाजपा
कांग्रेस का आरजीएफ चंदे पर पलटवार, कहा 2020 की बात करे भाजपा

नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि चीनी दूतावास से राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को चंदे मिले थे। कांग्रेस ने इसपर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा 2005 की बातें करना बंद करे, और लद्दाख में चीनी घुसपैठ से जुड़े सवालों के जवाब दे, और ध्यान न भटकाए।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, कृपया 2005 की बातें बंद कीजिए और 2020 के सवालों के जवाब देने शुरू कीजिए।

आरजीएफ के न्यासी मंडल की अध्यक्ष पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं, जबकि इसके बोर्ड पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा अन्य लोग हैं।

आरजीवी पर भाजपा के आरोपों के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस द्वारा खड़े किए गए सवालों के जवाब देने के बदले ध्यान भटकाना बंद कीजिए।

भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख, अमित मालवीय ने कहा है, चंदे ने जल्द ही परिणाम दिखाया। सिर्फ आरजीवी ही नहीं था, बल्कि भारत और चीन के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता कितना जरूरी है, इस पर कई अध्ययन हुए थे। अध्ययनों में कहा गया कि भारत को एफटीए की जरूरत चीन से कहीं ज्यादा है और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए इसके प्रयासों के हिस्से के रूप में इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

कांग्रेस ने जवाबी सवाल दागे और पूछा, सरकार पूर्वी लद्दाख में चीनी उपस्थिति के बारे में मौन क्यों है। राष्ट्र के हित में देश मौजूदा भाजपा सरकार से इन सवालों के जवाब चाहता है, न कि ध्यान भटकाने की तरकीब।

सुरजेवाला ने कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार से पूछ सकता हूं कि क्या यह सच नहीं है कि एक मात्र मुख्यमंत्री (गुजरात) जिसने चीन की चार बार यात्रा की, वह कोई और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी हैं, एक मात्र प्रधानमंत्री जिसने पांच बार चीन की यात्रा की वह दूसरा कोई नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी हैं, एक मात्र प्रधानमंत्री जिसने चीनी प्रधानमंत्री से तीन बार मुलाकात की वह कोई और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी हैं?

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस की चीनी प्रतिनिधिमंडलोंसे मुलाकातें भारत विरोधी थीं।

सुरजेवाला ने कहा, क्या यह सच नहीं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 2009 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक कंसल्टेशन आयोजित किया था और क्या राजनाथ सिंह ने 2008 में एक चीनी प्रतिनिधिमंडल की अगवानी और उसके साथ एक बैठक नहीं की थी? क्या यह सच नहीं है कि तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने 19 जनवरी, 2011 को चीन गए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था और वहां कंसल्टेशंस किए थे?

सुरजेवाला ने सवाल किया, क्या ये सभी कंसल्टेशंस भारत विरोधी थे? क्या यह सही नहीं कि भाजपा ने चीन की राजनीतिक प्रणाली के अध्ययन के लिए एक 13 सदस्यीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल चीन भेजे थे, क्या ये सब भारत विरोधी गतिविधियां थीं?

Created On :   25 Jun 2020 11:30 PM IST

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