कांग्रेस का चुनाव आयोग को पत्र- जनता के पैसे से हो रहा पार्टी प्रचार रोकें

Congress writes EC to prohibit poll-bound states from using public funds for ads
कांग्रेस का चुनाव आयोग को पत्र- जनता के पैसे से हो रहा पार्टी प्रचार रोकें
कांग्रेस का चुनाव आयोग को पत्र- जनता के पैसे से हो रहा पार्टी प्रचार रोकें
हाईलाइट
  • इस पत्र में केवल उन राज्यों पर रोक लगाने की बात कही जहां है जहां पर इस साल विधानसभा चुनाव होना है।
  • कांग्रेस ने रविवार को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है।
  • जनता के पैसों का उपयोग कर सरकार द्वारा किसी भी तरह का विज्ञापन जारी करने पर रोक लगाने के लिए कहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने जनता के पैसों का उपयोग कर सरकार द्वारा किसी भी तरह का विज्ञापन जारी करने पर रोक लगाने के लिए कहा है। इस पत्र में केवल उन राज्यों पर रोक लगाने की बात कही गई है, जहां पर इस साल विधानसभा चुनाव होना है। ये राज्य तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ है। चुनावों में राजनीतिक पार्टियों को इसका लाभ न मिले इसी को देखते हुए कांग्रेस ने चुनाव आयोग को ये पत्र लिखा है।

कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ पी रावत को को यह पत्र लिखा है। सरकार द्वारा विज्ञापन को जनता के पैसों का स्पष्ट दुरुपयोग बताते हुए इसमें कांग्रेस की ओर से गया है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जनता के पैसों का इस्तेमाल कर कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है ताकि चुनाव में इसका फायदा मिल सके। पत्र में लिखा गया है, "मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार की जन आशीर्वाद यात्रा, राजस्थान में गौरव यात्रा और छत्तीसगढ़ में विकास यात्रा निकाली जा रही है। जनता के लिए यह भेद कर पाना लगभग असंभव हो जाता है कि ये राजनीतिक एजेंडा है या फिर सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी।"

पत्र में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने अधिकारियों को पैसे देकर भीड़ जुटाने और मीडिया को संतुष्ट रखने के लिए भारी भरकम विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया था। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में वेबसाइटों को भी उपहार दिया गया। AICC के कानूनी, मानवाधिकार और आरटीआई विभाग के अध्यक्ष तन्खा ने चुनाव आयोग से तेलंगाना के मुख्य सचिव को स्पष्ट आदेश जारी करने के लिए भी कहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव तक केयरटेकर गवर्नमेंट जनता के पैसों का विज्ञापनों में उपयोग न कर सके। फिलहाल जो होर्डिंग, बैनेर और विज्ञापन साम्रगी लगी है उसे भी निकाला जाना चाहिए।

पत्र में कहा गया है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारों की ओर से निकाले जानी वाली यात्रा पार्टी-प्रेरित थी और इसमें सार्वजनिक हितों का कोई तत्व नहीं था। कांग्रेस ने मांग करते हुए कहा कि संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों को एडवाइजरी भेजी जाना चाहिए ताकि जनता के पैसों का दुरुपयोग रोका जा सके। तंन्खा ने लिखा, "इन राज्यों के अधिकारियों को भी ऐसी यात्रा को समर्थन देने से बचना चाहिए।"

कांग्रेस ने राजस्थान उच्च न्यायालय के हालिया आदेश का सख्ती से पालन करने की भी मांग की, जिसमें फैसला दिया है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की "गौरव यात्रा" के दौरान कोई भी सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग की अध्यक्षता में एक बेंच ने कहा कि कोई भी कार्यक्रम जिसमें राज्य सरकार की ओर से दी गई राशि का उपयोग किया गया है, उस जगह पर आयोजित न किया जाए जिस मार्ग से वसुंधरा राजे की यात्रा गुजर रही हो।

पत्र में ये भी कहा गया है कि भारत के लोगों का स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग पर विश्वास है। किसी भी सत्तारूढ़ पार्टी को अपने राजनीतिक फायदे के लिए जनता के पैसों का उपयोग करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता।

Created On :   9 Sept 2018 11:18 PM IST

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