पटाखे फोड़ने और पुतले जलाने पर रोक के लिए याचिका को ही अभ्यावेदन मानें : दिल्ली हाईकोर्ट
- पटाखे फोड़ने और पुतले जलाने पर रोक के लिए याचिका को ही अभ्यावेदन मानें : दिल्ली हाईकोर्ट
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और दिल्ली सरकार के उपयुक्त विभागों को निर्देश दिया कि वह दशहरा के दौरान पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाने और प्रतीक के रूप में रावण के पुतले जलाने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को ही अभ्यावेदन मानकर उचित कार्रवाई करें।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की खंडपीठ ने कहा, हम संबंधित पक्षों को निर्देश देते हैं कि वे इस याचिका को एक अभ्यावेदन (रिप्रजेंटेशन) के रूप में मानें और कानून, नियमों, विनियमों और सरकारी नीतियों के अनुसार निर्णय लें।
पीठ ने चेतन हसीजा और साहिल शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। इस याचिका में कोविड-19 महामारी के दौरान भी वायु प्रदूषण के स्तर में हो रही वृद्धि को रोकने के लिए शहर में पुतले जलाने और पटाखे फोड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है, जैसे कि हम सर्दियों के मौसम में प्रवेश कर रहे हैं, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पीएम-2.5 और पीएम-10 के हिसाब से प्रदूषण में वृद्धि को दर्शाया गया है, जिससे हवा धीरे-धीरे खराब होने की संभावना है।
याचिका में दलील दी गई है कि पराली जलाने की घटनाओं के कारण प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी जा रही है और इस महामारी के समय में स्थिति भयावह हो रही है।
याचिका में कहा गया है, अक्टूबर और नवंबर महीनों में पराली जलाने के अलावा, दिल्ली में दशहरा और दिवाली के त्योहारों पर पुतले और पटाखे जलाने के कारण भी वायु गुणवत्ता का स्तर गिरता है।
याचिका में राष्ट्रीय राजधानी में पुतलों को जलाने और पटाखों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
एकेके/एएनएम
Created On :   23 Oct 2020 6:01 PM IST