पादरी ने खत लिखकर बताया खतरे में है धर्मनिरपेक्षता, शुक्रवार का व्रत करें, BJP का विरोध

पादरी ने खत लिखकर बताया खतरे में है धर्मनिरपेक्षता, शुक्रवार का व्रत करें, BJP का विरोध

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के आर्कबिशप के खत पर बवाल खड़ा हो गया है। आर्कबिशप अनिल काउटो ने दिल्ली के सभी चर्च के पादरियों को चिट्ठी लिखकर भारत की राजनीतिक स्थिति को अशांत बताया है। साथ ही 2019 के आम चुनावों को देखते हुए उन्होंने पादरियों से प्रार्थना करने और शुक्रवार को व्रत रखने की अपील की है। उन्होंने देश की धर्मनिरपेक्षता को खतरे में बताया है। आर्कबिशप के इस खत पर अब राजनीति शुरू हो गई है। वहीं गुस्से से लाल बीजेपी उनके इस खत का विरोध कर रही है।

 


आर्कबिशप का खत और अपील

दरअसल ऑर्कबिशप अनिल जोसेफ थॉमस काउटो ने दिल्ली के सभी चर्च और पादरियों को खत लिखकर कहा है कि, हम एक अजीब से राजनीतिक माहौल में रह रहे हैं जिस कारण हमारे संविधान के लोकतांत्रिक मूल्यों और देश की धर्मनिरपेक्षा पर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने सभी ईसाइयों से आग्रह किया है कि वो अगले साल होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर राजनेताओं के लिए हर शुक्रवार को उपवास रखें।

 

 

अब उनके इस खत पर सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी इस खत को लेकर आपत्ति जता रही है। जानकारी के मुताबिक पत्र 8 मई का है, लेकिन 13 मई को पुर्तगाल के फातिमा की मां (ईश्वर की माँ) की वर्षगांठ पर पढ़ा गया था।

 

 

आर्कबिशप की चिट्ठी के विरोध में बीजेपी

 

 

राजनाथ सिंह- केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत में सभी अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं  और यह एक मात्र ऐसा देश है जहां मजहब के नाम पर भेदभाव नहीं होता। उन्होंने कहा मैंने आर्कबिशप का खत नहीं देखा , लेकिन भारत उन देशों में से एक है जहां अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। यहां पर किसी को जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव करने की अनुमति नहीं है।

 

 

शायना एनसी- बीजेपी महाराष्ट्र की प्रवक्ता शायना एनसी ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि जातियों ,समुदायों को भड़काने की कोशिश करना गलत है। 

 

 

मुख्तार अब्बास नकवी- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विरोध में कहा कि पीएम मोदी धर्म और राजनीति की बाधा को तोड़ते हुए बिना भेदभाव के समावेशी विकास के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा हम उनसे (आर्कबिशप से ) सिर्फ प्रगतिशील मानसिकता के साथ सोचने के लिए कह सकते हैं। 

 


 

राकेश सिन्हा- संघ विचारक राकेश सिन्हा ने इसे देश की धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर चर्च का हमला बताया है। राकेश सिन्हा ने कहा है यह वेटिकन का सीधा हस्तक्षेप है क्योंकि इन बिशपों की नियुक्ति सीधे पोप करते हैं। इनकी जवाबदेही भारत के प्रति नहीं बल्कि पोप के प्रति है।

 

 

फादर निगेल बरेट ने कहा- कुछ विवादित नहीं

बॉम्बे आर्कडिओकेस के प्रवक्ता फादर निगेल बरेट ने कहा जब एक सरकार अपना कार्यकाल समाप्त कर लेती है और चुनाव में सरकार चुनी जाती है, तो यह एक नई सरकार होती है। लेटर में दूसरी सरकार नहीं, बल्कि नई सरकार कहा गया है। मुझे नई सरकार शब्द के साथ कुछ भी विवादित नहीं लगता।

 


 

आर्कबिशप के सचिव ने कहा- आम चुनाव से पहले ऐसी प्रार्थनाएं की जाती हैं
 
वहीं इस मामले में आर्कबिशप के सेक्रेटरी फादर रॉबिन्सन रॉड्रिग्स ने कहा आर्कबिशप का खत न राजनीतिक है और न ही सरकार या फिर पीएम के खिलाफ। चिट्ठी को लेकर गलत सूचना नहीं प्रसारित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि ये प्रार्थना करने का निमंत्रण है और पहले भी ऐसे कई पत्र लिखे जा चुके हैं। हर आम चुनावों से पहले इस तरह की प्रार्थनाएं की जाती हैं। इस बार इन प्रार्थनाओं पर राजनीति की जा रही है। 

 


 

आर्कबिशप हर शुक्रवार को करेंगे खास प्रार्थना

फादर रॉड्रिग्स ने कहा कि चिट्ठी में नई सरकार शब्द के इस्तेमाल की गलत व्याख्या की जा रही है। उन्होंने कहा हर चुनावों के बाद एक नई सरकार बनती है। वो चाहे नई पार्टी सरकार बनाए या पिछली पार्टी ही सरकार में वापस आए, लेकिन सरकार नई ही बनती है। बता दें इस खत में आर्कबिशप अनिल काउटो ने शुक्रवार को एक वक्त का खाना छोड़ देश के लिए प्रार्थना करने की बात कही है। वो शुक्रवार को एक घंटे की खास प्रार्थना करेंगे।

 

 

आर्कबिशप ने पुरखों और संविधान के मूल्यों समता, समानता और बंधुत्व को सर्वोच्च स्थान पर बनाए रखने की अपील की है। साथ ही ये भी अपील की है कि आओ प्रार्थना करें सभी जाति, पंथ, संप्रदाय के लोग शांति और सद्भाव के साथ रहें और घृणा, हिंसा से दूर रहें। 

Created On :   22 May 2018 1:41 PM IST

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