कोरोना के चलते गहरा सकती है भूख, अल्प-पोषण की समस्या : उपराष्ट्रपति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना की वजह से वैश्विक आर्थिक मंदी के साथ-साथ भूख और अल्प-पोषण की समस्या गहरा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत ने भूख, कुपोषण और शिशु मृत्युदर को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है और देश में स्वास्थ्य व पोषण संबंधी समस्याओं से निपटने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए हाल ही में घोषित नई शिक्षा नीति में स्कूली बच्चों को पौष्टिक नाश्ता प्रदान करने के प्रावधान पर खुशी जाहिर की।
उपराष्ट्रपति ने यहां एम.एस. स्वामीनाथन फाउंडेशन द्वारा विविध भोजन, पोषण एवं आजीविका के विज्ञान पर आयोजित वर्चुअल परामर्श का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में निवेश करने के बजाय हमें खाद्य उत्पादों के पोषण मूल्य को बनाए रखने के लिए बेहतर भंडारण, प्रसंस्करण और संरक्षण में निवेश करना चाहिए। भोजन, कृषि और व्यापार नीतियों की समय-समय पर लगातार समीक्षा करने की आवश्यकता पर जोर डाला। उन्होंने अधिक पोषण-युक्त भोजन के लिए कृषि से जुड़ी प्राथमिकताओं में सुधार की अपील की।
प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसानों की मदद करने के लिए डॉ. स्वामीनाथन के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह डॉ. स्वामीनाथन के सुझावों का बारीकी से पालन करते हैं और संसद सहित जीवन के हर क्षेत्र वे उनका पालन करते रहेंगे। नायडू ने महिलाओं को भूमि अधिकार प्रदान करने के डॉ. स्वामीनाथन के सुझाव का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भूमि अधिकार, पट्टा, और अन्य सभी संपत्ति संयुक्त रूप से पुरुष और महिला के नाम पर होनी चाहिए।
Created On :   8 Aug 2020 12:30 AM IST