भावांतर योजना में पीट रहा किसान, प्रभावशालियों को पहुंचाया जा रहा लाभ

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भावांतर योजना में पीट रहा किसान, प्रभावशालियों को पहुंचाया जा रहा लाभ
भावांतर योजना में पीट रहा किसान, प्रभावशालियों को पहुंचाया जा रहा लाभ

डिजिटल डेस्क, सौंसर। अरहर के लिए पंजीकृत किसानों के लिए भावांतर योजना सिर्फ दिखावा साबित हो रही है। मंडी प्रशासन का ढुलमुल रवैया, व्यापारियों की मनमर्जी के चलते मंडी आ रहे किसान परेशान हो रहे है। नीलामी की अव्यवस्था पर सोमवार को किसानों ने मंडी में आक्रोश व्यक्त किया।

आज अरहर प्रति क्विंटल 3700 से 3800 तक खरीदी गई। मंडी में अरहर के घटते-बढ़ते दामों से किसान परेशान है। आज मिले भाव पर किसानों ने सवाल उठाया कि दो दिन पूर्व 4100 रु. तक गया भाव आज कैसे कम हुआ तो मंडी प्रशासन से लेकर व्यापारियों का पास इसका जवाब नहीं था। आज मंडी में 3 हजार क्विंटल की आवक रही। दो दिन के आवक से यह आवक 50 फीसदी ज्यादा थी। मंडी पहुंचे किसान नरेश रुघें ने बताया कि दो दिन पूर्व भाव बढऩे से आज अरहर लेकर मंडी पहुंचे तो भाव कम मिले। किसानों का कहना है कि मंडी में नीलामी के दौरान व्यापारियों की मर्जी से खरीदी की जा रही है। बताया जा रहा है कि नीलामी के दौरान व्यापारियों की सांठगांठ के चलते भाव में प्रतिस्पर्धा निर्माण होने की बजाए खरीदी की सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

 

 

आवक बढ़ते ही घट जाते है दाम
किसानों ने बताया कि मंडी में अरहर की आवक बढ़ते ही व्यापारी दाम घटा देते है। किसान जगनराव ने बताया कि दो दिन पूर्व तक आवक कम होने से भाव प्रति क्विंटल 4100 तक पहुंच गया था। आज आवक अधिक रही तो व्यापारियों ने प्रति क्विंटल 200 से 300 रु. भाव कम कर दिए। मंडी में भाव की अनिश्चितता को लेकर किसान परेशान हो रहे है। किसानों का कहना है कि मंडी प्रशासन व्यापारियों के हितों में काम कर रहा है।

बगैर मंडी आए मिल रहा लाभ
भावांतर योजना में किसान को अपना उत्पादन लेकर मंडी में होने वाली नीलामी में शामिल होना है। लेकिन अधिकांश खरीदी मंडी के बाहर हो रही है। बताया जा रहा है प्रभावशाली किसानों को नीलामी में शामिल करने की बजाए मंडी कर्मचारी बाहर ही माल खरीदी कर उसे नीलामी में शामिल होना दिखा रहे है। किसान इस व्यवस्था का विरोध कर रहे है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।

 

 

अरहर की जगह था मक्का का पंजीयन
देवी का किसान बाबूराव उपासे 8 क्विंटल अरहर व पंजीयन कागजात लेकर मंडी पहुंचा। नीलामी के दौरान किसान यह सुनकर दंग रह गया कि उसके नाम पर मक्का का पंजीयन हुआ है। किसान को मजबूरी में खुले मंडी में भावांतर के बाहर माल बेचना पड़ा। अरहर के नाम पंजीयन में मक्का कैसे शामिल हुआ इसका जवाब मंडी प्रशासन के पास नहीं है।

- भावांतर में खरीदी के नाम पर लूट मची है। व्यापारियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। मंडी प्रशासन की मिलीभगत से ऐसा हो रहा है।
- व्यापारियों पर गलत आरोप लगाए जा रहे है। बाजार भाव के अनुसार ही खरीदी कर रहे है। मंडी के सभी नियमों का पालन हो रहा है।
- मंडी सचिव सयदुर रहमान ने मामले में कहा है कि भावांतर में नियमानुसार ही अरहर की खरीदी की जा रही है। बाजार के अनुसार भाव में घट बढ़ होता है। इसमें किसानों को भावांतर का लाभ मिलेगा।

Created On :   23 April 2018 5:31 PM IST

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