दिल्ली हिंसा संबंधी प्रशांत भूषण की याचिका पर तुरंत सुनवाई से अदालत का इनकार

Court refuses to immediately hear Prashant Bhushans plea on Delhi violence
दिल्ली हिंसा संबंधी प्रशांत भूषण की याचिका पर तुरंत सुनवाई से अदालत का इनकार
दिल्ली हिंसा संबंधी प्रशांत भूषण की याचिका पर तुरंत सुनवाई से अदालत का इनकार
हाईलाइट
  • दिल्ली हिंसा संबंधी प्रशांत भूषण की याचिका पर तुरंत सुनवाई से अदालत का इनकार

नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हिंसा संबंधी अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि सबरीमला मामले पर सुनवाई के बाद इसे देखा जाएगा।

भूषण चाहते थे कि कानून व्यवस्था के मामले की जांच से पुलिस को अलग किया जाए व अलग-अलग विंग हो और इस मुद्दे पर तुरंत आदेश जारी किया जाए।

भूषण ने 2006 के प्रकाश सिंह के फैसले में की गई सिफारिश की प्रकृति का भी हवाला दिया। भूषण ने अदालत के समक्ष कहा कि पहले ही 14 साल हो चुके हैं और इसे लागू नहीं किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अगुवाई वाली पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और सूर्यकांत शामिल रहे। पीठ ने कहा, सबरीमला (सुनवाई) पूरी होने के बाद ही सुना जाएगा।

भूषण ने हिंसा की प्रवृत्ति का हवाला देते हुए पीठ के समक्ष कहा, दिल्ली में जो कुछ भी हो रहा है उसे देखें। पुलिसकर्मी खुद भागीदार हैं .. वे हिंसा करने वालों के पक्ष में हैं।

भूषण ने निष्पक्ष जांच का हवाला देते हुए पूछा कि इन पुलिसकर्मियों को कैसे जांच सौंपी जा सकती है।

उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था एक शासनात्मक कार्य है जबकि जांच आपराधिक न्याय प्रणाली का हिस्सा है।

उन्होंने याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष जोर दिया। पीठ ने कहा, ठीक है। हम मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हैं, लेकिन सबरीमला के बाद।

Created On :   28 Feb 2020 5:00 PM IST

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