दिल्ली में सीलिंग के विरोध में बंद , DDA की बैठक में 3 प्रस्ताव पास
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में सीलिंग विवाद गहराता जा रहा है। बीजेपी और आम आदमी पार्टी एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार बता रही है। इस बीच दो व्यापारी संगठनों ने 48 और 72 घंटे के बंद का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि व्यापारियों ने 5 हजार जगहों पर प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। इस बंद में 7 लाख से ज़्यादा कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे और पूरी दिल्ली के लगभग 2500 बाज़ारों में कोई कारोबार नहीं होगा। कारोबारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सीलिंग का तत्काल कोई हल नहीं निकाला गया तो वे बेमियादी बंद पर विचार करेंगे। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स और चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने ये बंद बुलाया है।
3 प्रस्ताव पास
सीलिंग पर बढ़ते विरोध के बीच शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल के निवास पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की अहम बैठक हुई। इस बैठक में तीन प्रस्ताव पास किए गए हैं। इन प्रस्तावों के अनुसार एफएआर (FAR) को बढ़ाकर 350 किया जाएगा। कनवर्ज़न चार्ज जो 10 गुना है वो कम करके दोगुना किया जाएगा और 12 मीटर की सड़कों पर कृषि गोदामों को रेगुलराइज़ किया जाएगा। इसके बाद जनसुनवाई होगी और फिर दिन की पब्लिक हियरिंग के बाद फिर बैठक होगी। इस बैठक में आप और बीजेपी के नेताओं के साथ डीडीए के अधिकारी और सदस्य मौजूद थे। नेताओं में सोमनाथ भारती, एसके बग्गा, विजेंदर गुप्ता, ओपी शर्मा शामिल हैं। बैठक मे मंजूर हुए निर्णयों को अंतिम स्वीकृति के लिए शहरी आवास एवं विकास मंत्रालय में भेजा जाएगा।
करीब 2 हजार व्यापार समितियां लेंगी हिस्सा
जानकारी के मुताबिक व्यापारी संगठनों के बुलाए गए इस महाबंद में दिल्ली के करीब 2 हजार व्यापार समितियां हिस्सा लेंगी। दिल्ली बंद में बड़े बाजार कनॉट प्लेस, करोल बाग, हौजखास, चांदनी चौक समेत तमाम अहम मार्केट भी नहीं खुलेंगे। इस संबंध में व्यापारी सीलिंग की मॉनिटरिंग कमिटी से भी मिलेंगे। सीलिंग बंद ना होने पर जनप्रतिनिधियों के घरों के घेराव की भी योजना है। इतना ही नहीं व्यापारी अन्य तरीको से भी अपना विरोध जताएंगे। सड़को पर प्रदर्शन करने के साथ-साथ व्यापारियों की कैंडल मार्च निकालने की भी योजना है। व्यापारियों की मांग है कि इस बात की जांच की जाए कि क्यों व्यापारियों को उनके अधिकार से वंचित रखते हुए सीलिंग की जा रही है?
सीलिंग पर बीजेपी-आप आमने सामने
दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे ने आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच नया जंग का मैदान तैयार कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से इस मुद्दे पर चल रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर धक्का-मुक्की और गालियों तक पहुंच चुका है। मंगलवार 30 जनवरी को इस मुद्दे पर होने वाली चर्चा में यहीं सब कुछ देखने को मिला था। दरअसल, दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर चर्चा के लिए बीजेपी नेता सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचे थे। चर्चा के दौरान ही वाद-विवाद इतना बढ़ गया कि बहस शुरू हो गई। बीजेपी नेताओं ने तो आप समर्थकों पर मारपीट और बदसलूकी का आरोप लगाते हुए FIR भी दर्ज करवाई थी। विपक्षी पार्टी बीजेपी का कहना है कि सरकार को व्यापारियों की चिंताओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस मुद्दे का सही हल निकाला जाना जरूरी है।
ये है सीलिंग विवाद
- दिल्ली में मास्टर प्लान 2021 के लिए रिहायशी इलाकों में कमर्शियल गतिविधियों पर रोक का प्रावधान है।
- इसमें कन्वर्जन का भी एक प्रस्ताव है, जिसके तहत रिहायशी इलाकों का लैंड यूज बदलवाया जा सकता है।
- इसके लिए कारोबारियों को कन्वर्जन फीस जमा करनी होगी।
- इस मास्टर प्लान का व्यापारी वर्ग का विरोध कर रहा है।
- व्यापारियों का कहना है कि इस प्लान से उनकी जमी हुई दुकानें खत्म हो जाएंगी।
- व्यापारी कन्वर्जन चार्ज अधिक होने पर भी आपत्ति जता चुके हैं।
Created On :   2 Feb 2018 11:14 AM IST