कंस्ट्रक्शन साइटों पर प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली मेट्रो का विशेष अभियान

Delhi Metros special drive to stop pollution at construction sites
कंस्ट्रक्शन साइटों पर प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली मेट्रो का विशेष अभियान
कंस्ट्रक्शन साइटों पर प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली मेट्रो का विशेष अभियान
हाईलाइट
  • कंस्ट्रक्शन साइटों पर प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली मेट्रो का विशेष अभियान

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की है कि इसके परियोजना स्थलों पर प्रदूषण से निपटने के लिए इसके ठेकेदारों और साइट पर कार्यरत कर्मियों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के समस्त आवश्यक उपायों का कड़ाई से पालन हो रहा है।

अभियान के हिस्से के रूप में, प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के अनुपालन की जांच के लिए किए जाने वाले निरीक्षणों की फ्रिक्वेंसी बढ़ाई गई है। डीएमआरसी के पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के पर्यवेक्षण में बनी टीमें सभी साइटों का दौरा करती हैं और इस संबंध में की गई व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच करती हैं। इस अभियान की मॉनिटरिंग डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह खुद कर रहे हैं।

ये टीमें यह जांच करती हैं कि निरंतर उड़ती धूल को रोकने के लिए क्या परियोजना स्थलों के चारों ओर कम से कम 6 मीटर ऊंचे बैरिकेड लगाए गए हैं अथवा नहीं, और क्या इनके भीतर कन्वेयर बेल्टों को पूरी तरह से कवर किया गया ताकि धूल निकलने से रोकी जा सके।

इसी प्रकार, जहां नियमित तौर पर वाहनों की आवाजाही हो, वहां यह जांच की जा रही है कि निकास द्वारों पर पहियों को धोने की सुविधा हो, ताकि सार्वजनिक सड़क पर मिट्टी या कीचड़ को फैलने से रोका जा सके। कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े सभी वाहनों के अनिवार्य प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्रों (पीयूसी) की वैधता की जांच भी की जा रही है। अभियानों में यह निगरानी भी की जाती है कि क्या समस्त निर्माण सामग्री तथा मलबे को ढके हुए वाहनों में ले जाया जा रहा है।

कंस्ट्रक्शन साइटों से धूल के प्रसार को रोकने के लिए पानी का छिड़काव करने के अलावा नोजल-बेस्ड मिस्ट सिस्टम का उपयोग किया जाता है। जमीन की खुदाई करने अथवा मलबा उठाने अथवा डेमोलिशन अथवा धूल पैदा करने वाली गतिविधियों के दौरान धूल को बैठाने के लिए पानी के छिड़काव संबंधी जांच की जा रही है। निरीक्षण टीमों द्वारा यह बात दोहराई जाती है कि कार्य रुक जाने के दौरान भी पानी का छिड़काव और धूल को नियंत्रित करने वाली गतिविधियां जारी रखी जाएं।

इसके अतिरिक्त, टीमें यह सुनिश्चित करेंगी कि केवल बैरकेटेड एरिया में ही कंस्ट्रक्शन गतिविधियां जारी रहे। टीमें यह जांच भी कर रही हैं कि सामग्री को ढककर रखे जाने की व्यवस्था के अनुपालन के साथ रेत पर पानी का छिड़काव हो और इकट्ठा रखी गई सामग्री को ढककर रखा जाता हो।

दिशानिर्देशों के अनुसार, साइट पर रखी जाने वाली मिट्टी, रेत के मिश्रण, किसी भी प्रकार के मलबे की धूल से प्रभावित होने वाली सभी सामग्रियों को तिरपाल से पूरी तरह से ढककर अथवा ग्रीन नेट को उचित तरीके से बांधकर कवर किया जाना चाहिए ताकि धूल किसी भी रूप में हवा में न फैले। क्या निर्माण कर्मियों को धूल से बचाव के लिए मास्क उपलब्ध कराए गए हैं, इसकी जांच भी की जा रही है।

इन उपायों को जबकि पूरे वर्ष क्रियान्वित किया जाता है, इस अभियान का आयोजन प्रदूषण नियंत्रण संबंधी नियमों का पालन करने के महत्व को लागू करने के लिए किया जा रहा है, विशेषकर इस परिप्रेक्ष्य में, जबकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हाल ही में हवा की गुणवत्ता में गिरावट देखी गई। वर्तमान परि²श्य में, जब प्रदूषण अपने उच्च स्तर पर है, डीएमआरसी द्वारा प्रदूषण न फैलाने वाली गतिविधियों जैसे मचान बनाना, शटरिंग या डी-शटरिंग के कार्य, भूमिगत कार्य, बिजली के कार्य, वायरिंग, सिगनलिंग कार्य इत्यादि जैसी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

डीएमआरसी ने अपनी सभी साइटों और परिसरों में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर सदैव अत्यधिक ध्यान दिया है। इन निरीक्षणों के अलावा, साइटों पर हरियाली बढ़ाने के लिए समय-समय पर नियमित तौर पर वृक्षारोपण अभियान भी चलाए जाते हैं। इस समय, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगभग पांच से छह साइटों पर कार्य चल रहा है।

-- आईएएनएस

एमएसके/वीएवी-एसकेपी

Created On :   19 Oct 2020 9:01 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story