दिल्ली हिंसा मामला : कपिल मिश्रा ने
- दिल्ली हिंसा मामला : कपिल मिश्रा ने
नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने गुरुवार दोपहर को लोधी कॉलोनी स्थित दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में पहुंचे। वहां से बाहर आने पर मिश्रा ने बताया कि वह सिर्फ उन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने आए, जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में उनके खिलाफ अभियान चला रहे हैं।
मिश्रा ने कहा, जब दिल्ली पुलिस चार्जशीट दाखिल कर रही है और जब मामले में दंगाइयों को गिरफ्तार किया जा रहा है, तब एक तबका ऐसा भी है, जो मेरे खिलाफ घृणा अभियान चला रहा है और असली षड्यंत्रकारियों को बचाने की कोशिश कर रहा है। यही कारण है कि मैं शिकायत दर्ज कराने के लिए स्पेशल सेल के कार्यालय में आया, ताकि इन लोगों की जांच की जा सके।
यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस ने दंगों में उनकी भूमिका के बारे में उनसे पूछताछ की, इस पर उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनसे पहले ही पूछताछ कर ली है और ब्योरा आरोपपत्र में दर्ज हो चुका है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने भाजपा नेता मिश्रा से जुलाई के अंतिम सप्ताह में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के संबंध में पूछताछ की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वह स्थिति को संभालने के लिए क्षेत्र में गए थे, उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया। साथ ही कहा था कि डीसीपी के बगल में खड़े होकर की गई उनके द्वारा टिप्पणी में उन्होंने सिर्फ सीएए प्रदर्शनकारियों का विरोध करने के लिए एक धरना शुरू करने के अपने इरादे को व्यक्त किया था।
इन जानकारियों का उल्लेख पिछले सप्ताह दिल्ली कड़कड़डूमा कोर्ट के सामने दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट में है।
इस साल 23 फरवरी को उनके द्वारा ट्वीट किए गए एक वीडियो में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़कने से एक दिन पहले मिश्रा को मौजपुर ट्रैफिक सिग्नल के पास सीएए समर्थक सभा को संबोधित करते हुए देखा जा सकता है और उनके बगल में ही डीसीपी (नॉर्थ ईस्ट) वेद प्रकाश प्रकाश सूर्या भी खड़े हैं।
मिश्रा को कहते सुना जा सकता है कि, वे (प्रदर्शनकारी) दिल्ली में परेशानी पैदा करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने रास्ते बंद कर दिए हैं। यही वजह है कि उन्होंने यहां दंगे जैसी स्थिति पैदा कर दी है। हमने पथराव नहीं किया है। डीसीपी हमारे सामने और आपकी ओर से खड़े हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि जब तक अमेरिकी राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) भारत में हैं, हम शांति से इस क्षेत्र को छोड़ रहे हैं। उसके बाद, यदि सड़कें खाली नहीं होती हैं तो हम आपकी (पुलिस) बात नहीं सुनेंगे। हमें सड़कों पर उतरना होगा।
सीएए समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच 24 फरवरी को हिंसा भड़की थी, जिसमें करीब 53 लोगों की मौत हो गई और तकरीबन 200 लोग घायल हुए थे। एक स्कूल सहित कई घरों में आग लगा दी गई थी। पार्किं ग में लगीं पचास से ज्यादा कारें खाक हो गई थीं।
एमएनएस/एसजीके
Created On :   24 Sept 2020 11:00 PM IST