दिल्ली हिंसा : उमर खालिद की परिजनों से मिलने के अनुरोध वाली याचिका खारिज
- दिल्ली हिंसा : उमर खालिद की परिजनों से मिलने के अनुरोध वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने पुलिस हिरासत के दौरान अपने परिवार से मिलने की इजाजत मांगी थी। खालिद को कड़े आतंकवाद रोधी कानून, गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।
पूर्वोत्तर दिल्ली में इस साल फरवरी में सांप्रदायिक हिंसा की बड़ी साजिश के मामले में खालिद को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) की ओर से 13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। वह 24 सितंबर तक 10 दिन की पुलिस हिरासत में है।
जेएनयू के पूर्व छात्र ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए अनुरोध किया था कि उसे उसके परिवार से दो दिनों के लिए 30 मिनट की अवधि तक मिलने की इजाजत दी जाए। खालिद के वकील त्रिदीप पाइस ने अदालत को सूचित किया कि परिवार से मिलने के लिए पुलिस द्वारा उन्हें एक मौखिक आश्वासन दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें अनुमति से इनकार कर दिया गया।
विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने अदालत को अवगत कराया कि मुलाकात पूछताछ को प्रभावित कर सकती है और बाधा उत्पन्न कर सकती है। यह दलील दी गई कि आरोपी पहले से ही अपने वकील के साथ मुलाकात कर रहा है और अगर उसे अपने परिवार के सदस्यों को कोई संदेश देना है, तो वह उन्हें बता सकता है।
प्रसाद ने आगे कहा कि उनकी हिरासत के दौरान आरोपी के परिवार को आरोपी के साथ मिलने की अनुमति देने के लिए सीआरपीसी में कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने साथ ही यह भी प्रस्तुत किया कि जेल नियमों के अनुसार न्यायिक हिरासत के दौरान मुलाकात की अनुमति है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 19 सितंबर को अपने आदेश में कहा, ह्लतथ्यों को पूर्णता में देखते हुए और मामले की परिस्थितियों पर गौर करने के बाद मुझे यह आवेदन विचार योग्य नजर नहीं लगता। याचिका को खारिज किया जाता है।ह्व
प्रसाद ने पहले खालिद की 10 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी ताकि वह 11 लाख पन्नों वाले दस्तावेज से उसका सामना करा सके।
खालिद पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को उकसाकर सांप्रदायिक अशांति फैलाने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।
इसके अलावा दिल्ली हिंसा को लेकर विभिन्न मामलों में दायर आरोप पत्र (चार्जशीट) में भी खालिद का नाम है।
सीएए समर्थकों और इसके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के बीच 24 फरवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली में झड़प हो गई थी, जो कि जल्दी ही सांप्रदायिक हिंसा में बदल गई। इसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 के करीब घायल हुए थे।
एकेके/जेएनएस
Created On :   21 Sept 2020 7:31 PM IST