दिवाली प्रदूषण के खतरों के खिलाफ शरीर की सुरक्षा को बढ़ावा देने का समय
- मौद्रिक प्रोत्साहन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर भारत में दिवाली की तैयारी के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों, विशेषकर सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों को अपने शरीर की सुरक्षा बढ़ाने और वायु प्रदूषकों के संपर्क को कम करने की सलाह दी है, खासकर घर पर।
त्योहारी सीजन की शुरूआत के साथ, हम पटाखों, कम हवा की गति और पराली जलाने जैसे कारकों के कारण प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखते हैं। इससे वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि होती है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बिगड़ जाता है, जिससे दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में यह मान 400 से 500 और इससे भी अधिक हो जाता है।
मयंक सक्सेना, सीनियर कंसल्टेंट और यूनिट हेड ऑफ पल्मोनोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वैशाली ने आईएएनएस को बताया- अस्थमा, सीओपीडी, फेफड़ों की बीमारियों और अन्य श्वसन समस्याओं वाले श्वसन संबंधी लक्षणों वाले मरीजों में वायु प्रदूषण में तेजी से वृद्धि होने का खतरा होता है और कभी-कभी, इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आ जाती है।
दिल्ली सरकार ने पिछले महीने कहा था कि वह पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए शहर के खेतों में बायो डीकंपोजर का छिड़काव करने की तैयारी कर रही है। पंजाब और दिल्ली की राज्य सरकारें भी किसानों के लिए एक मौद्रिक प्रोत्साहन को अंतिम रूप देने पर काम कर रही थीं, अगर वह कटाई के बाद अपने धान के अवशेषों को नहीं जलाते हैं।
नोएडा में फोर्टिस अस्पताल के पल्मोनोलॉजी के अतिरिक्त निदेशक राहुल शर्मा के अनुसार, सुबह के समय कुछ बाहरी गतिविधियों जैसे दौड़ना, टहलना, साइकिल चलाना, जिम और अन्य खेलों को सीमित या बंद कर देना चाहिए। नवंबर से जनवरी तक बाहरी गतिविधियों को प्रतिबंधित करना बेहतर है। योग और अन्य गतिविधियों को शाम में स्थानांतरित करें। अपने बच्चों को स्कूल भेजने से बचें, जो सात साल से कम उम्र के हैं, अगर एक्यूआई 350 से अधिक है। स्कूलों को सभी बाहरी गतिविधियों को भी निलंबित करना चाहिए और बच्चों को केवल दोपहर के समय ही बाहर निकलने दें।
गर्म पानी से गीली पोछा का प्रयोग करें और घर पर इसमें एक चुटकी बेकिंग सोडा मिलाएं। सुबह के समय झाडू या पोछा न लगाएं क्योंकि यह हवा में जमा सभी कणों को फिर से निलंबित कर देगा। उन्होंने सलाह दी, बाइक चलाते समय या बाहर चलते समय अच्छी गुणवत्ता वाला एन95/99 मास्क पहनना अच्छी सुरक्षा प्रदान करता है। रूमाल के उपयोग से भी कुछ हद तक बचाव होता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कार स्टार्ट करने से पहले, दो मिनट के लिए खिड़कियां खोलें। शर्मा ने कहा, यह सीओ सांद्रता को कम करने में मदद करेगा। सीओ अधिक खतरनाक है और इससे घातक परिणाम हो सकते हैं। इसके अलावा, अपनी कार को कुछ समय के लिए इनडोर सकुर्लेशन में चलाएं। हर कार में एसी फिल्टर होते हैं जो पीएम 2.5 को काफी हद तक कम करते हैं।
इस मौसम में वातावरण में वायु प्रदूषकों के बसने से सांस संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं। साथ ही वातावरण में वायरस और बैक्टीरिया से श्वसन संक्रमण बढ़ जाता है। गुरुग्राम के सीके बिड़ला अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा के प्रमुख रवींद्र गुप्ता ने कहा कि लोगों को विटामिन सी से भरपूर फलों जैसे आंवला, और खट्टे फल जैसे संतरा, मौसमी आदि का सेवन करें। उन्होंने सलाह दी, गहरी सांस लेने के व्यायाम और प्राणायाम करने से भी इस मौसम में फेफड़ों की ताकत में सुधार करने में मदद मिलेगी।
दोपहर 3 बजे और शाम 5 बजे के बीच रोजाना अपने घर को वेंटिलेट करना एक अच्छा विचार है क्योंकि, यह दिन का सबसे अच्छा समय होता है जब तेज धूप वाले दिन पीएम2.5 का स्तर सबसे कम होता है।
आईएएनएस
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Created On :   8 Oct 2022 10:00 PM IST