लोगों को बचाते जिंदगी की जंग हारी नर्स, मौत से पहले लिखा इमोशनल लेटर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल इस समय निपाह वायरस की चपेट में है। इस वायरस के कारण केरल में 10 लोगों की मौत हो चुकी है और अन्य जगहों पर 6 मरीज गंभीर हैं। इस वायरस के बढ़ते असर को देख सरकार हरकत में आई है और इस पर गहन जांच की जा रही है। राज्य में लोगों को इस बीमारी से बचाने, राहत कार्य में जुटी एक नर्स लिनी भी अपनी जान गंवा चुकी हैं। आज भले ही लिनी दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके कर्त्तव्य समर्पण और जज्बे की हर कोई तारीफ कर रहा है। अपने आखिर समय में भी उन्होंने इस बीमारी से अपने बच्चों और प्रियजनों को बचाने का सफल प्रयास किया।
आखिरी समय में लिखा खत
मरीजों की जान बचाने में खुद की जान गंवा चुकी नर्स लिनी ने अपने अंतिम समय में पति को एक खत लिखा, जिसमें लिनी ने अपने पति से बच्चों की देखभाल करने की बात कही। पर्यटन मंत्री ने लिनी का पत्र सोशल मीडिया पर साझा करते हुए अपना दुख जाहिर किया। मृतक नर्स लिनी के मामा के अनुसार उन्हें इस बीमारी का पहले ही पता चल गया था, चंगरौठ इलाके के एक युवक में निपाह वायरस के शुरूआती लक्षण दिखे थे और लिनी उस युवक का इलाज करने में जुट गई। इलाज के दौरान ही लिनी निपाह वायरस का शिकार हो गईं थी। बता दें कि लिनी के दो बच्चे 5 वर्षीय सिद्धार्थ और 2 वर्षीय रितुल हैं।
घर पर नहीं लाया गया शव
नर्स लिनी को निपाह वायरस के लक्षणों का पता लग चुका था और वह नहीं चाहती थी कि उनके परिवार पर इस वायरस का असर हो। इस गंभीर बीमारी से जूझते हुए उनके जीवन का अंत हो गया, लापरवाही ना बरतते हुए स्वास्थय विभाग ने उनका अंतिम संस्कार खुले में करने के बजाए बिजली शव गृह में किया।
सहयोग का ऐलान
यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन के राज्य उपाध्यक्ष सुनीश एपी ने लिनी के परिवार वालों का जरूरी सहयोग देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि नर्स लिनी की मौत अपनी ड्यूटी करते वक्त हुई है और सरकार को मदद मुहैया करानी चाहिए।
क्या लिखा था खत में
इस जानलेवा वायरस का पता लगते ही नर्स लिनी ने खाड़ी देश में रह रहे अपने पति को एक मार्मिक खत लिखा। खत के अनुसार "मुझे नहीं लगता कि अब मैं तुमसे मिल पाऊंगी। प्लीज हमारे बच्चों की देखभाल करना। उन्हें अपने साथ गल्फ ले जाओ, और हमारे पिता की तरह बिल्कुल अकेले मत रहना"। लिनी द्वारा लिखा गया यह खत पर्यटन मंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जो तेजी से वायरल हो रहा है।
क्या है निपाह वायरस
साल 1998 में पहली बार यह वायरस मलेशिया में पाया गया। भारत में यह वायरस 2001 में सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में आया जिससे उस दौरान 45 मौतें हुई थी। निपाह वायरस संक्रमित चमगादड़, सूअर या इंसान के संपर्क में आने से फैलता है।
Created On :   22 May 2018 8:44 PM IST