वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए तैयार नहीं इलेक्शन कमीशन, मशीनों की कमी भी वजह
- देश में एक साथ चुनाव कराने पर असहमत चुनाव आयोग।
- भाजपा और पीएम मोदी चुनाव कराने के लिए प्रयासरत।
- लोकसभा भंग करें पीएम मोदी तो एक चुनाव के लिए तैयार कांग्रेस।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में एक साथ चुनाव कराए जाने के विचार पर चुनाव आयोग ने असहमति जताई है। बीजेपी देश के 11 राज्यों में 2019 लोकसभा चुनाव के साथ ही वोटिंग कराने का विचार कर रही है। इसके लिए सोमवार को भाजपा नेताओं ने विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश बीएस चौहान से मुलाकात भी की थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत से मंगलवार को जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने साफ कहा "2019 में लोकसभा चुनाव के साथ ही 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने के लिए हमारे पास पर्याप्त वीवीपैट मशीनें नहीं हैं। अगर ऐसी कोशिश की जाती है, तो इसके लिए नई वीवीपैट मशीनों का ऑर्डर देना होगा और इस बारे में एक या दो महीने में फैसला लेना होगा। चुनाव आयोग के कानूनी सलाहकार एसके मेंदीरत्ता का कहना है कि वीवीपैट मशीनों की कमी होने की वजह से मौजूदा स्थिति देश में एक साथ चुनाव के लिए सही नहीं है। इसके लिए जरूरी मशीनों की खरीद के लिए आयोग को कम से कम तीन साल का वक्त लगेगा।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की पुरजोर वकालत करते हुए चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने लिखा कि इससे चुनाव पर बेतहाशा खर्च पर लगाम लगाने और देश के संघीय स्वरूप को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराना केवल परिकल्पना नहीं है, बल्कि एक सिद्धांत है जिसे लागू किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव के साथ ही 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने की बीजेपी की योजना पर कांग्रेस ने अपना पक्ष रखा है। कांग्रेस ने मंगलवार को बयान जारी करके कहा है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी एक साथ चुनाव चाहते हैं तो लोकसभा भंग कर दें। कांग्रेस ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा भंग करते हैं तो चुनाव के लिए हमारी तैयारी पूरी है। कांग्रेस ने मांग की है कि पीएम मोदी अपने पद से इस्तीफा दें और चुनाव पहले कराएं। हालांकि कांग्रेस पहले ही कह चुकी है की अभी एक देश, एक चुनाव संभव नहीं है। इसके लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा।
Created On :   14 Aug 2018 3:43 PM IST