आधी रात को 'आर्थिक आजादी' का एजेंडा GST लागू

Economic liberty agenda GST applies for midnight
आधी रात को 'आर्थिक आजादी' का एजेंडा GST लागू
आधी रात को 'आर्थिक आजादी' का एजेंडा GST लागू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) आखिरकार शुक्रवार को आधी रात से देशभर (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) में लागू हो गया है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने संसद के सेन्ट्रल हाल में एक भव्य और एतिहासिक समारोह में घंटी बजाकर इस नए टैक्स सुधार की औपचारिक शुरुआत कर इसे लागू किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में कहा है कि 'जो दिशा हम सबने निर्धारित की है, जो व्यवस्था हमने तय की है, ये किसी एक दल या सरकार की सिद्धी नहीं है, ये हम सबकी सांझी विरासत है।' 

मोदी ने कहा कि 'राष्‍ट्र के निर्माण में कुछ ऐसे पल आते हैं, जिस पर हम किसी नए मोड़ पर जाते हैं, नए मुकाम की ओर पहुंचने का प्रयास करते हैं। आज इस मध्‍यरात्रि के समय हम सब मिलकर देश का आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं। कुछ देर बाद देश एक नई व्‍यवस्‍था की ओर चल पड़ेगा। सवा सौ करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं। जीएसटी की यह प्रकिया सिर्फ अर्थव्‍यवस्‍था के दायरे तक ही सीमित नहीं है। आज वर्षों के बाद एक नई अर्थव्‍यवस्‍था के लिए जीएसटी के रूप में संसद जैसे पवित्र स्‍थान से बढ़कर ओर कोई जगह नहीं हो सकती थी।'

 गौरतलब है कि 14 साल के अथक सम्मलित प्रयासों के बाद लागू हुए GST को न्यू इंडिया की शुरुआत और 'आर्थिक स्वतंत्रा' या एक नई आजादी के तौर पर केंद्र सरकार पेश कर रही है, जिसके विरोध स्वरूप कांग्रेस और कुछ अन्य राजनीतिक दलों ने इस जश्न से कन्नी काट रखी थी। संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आजादी सहित यह चौथा ऐसा मौका है, जब मध्यरात्रि के समय कोई कार्यक्रम हुआ। 14 अगस्त 1947 की मध्‍यरात्रि के अलावा, 1972 में स्वतंत्रता की रजत जयंती और 1997 में स्वर्ण जयंती के अवसर पर ऐसे कार्यक्रम हुए थे।

22 सेस खत्म, देशभर में एक टैक्स
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'जीएसटी' को लेकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करते हुए देशभर में इस टैक्स से होने वाले बदलावों पर बात करते हुए लगभग 22 सेस खत्म होने की बात कही। उन्होंने कहा कि इससे देश नई विकास यात्रा की शुरुआत करेगा। जीएसटी न्यू इंडिया की शुरुआत करेगा, जिसका लक्ष्य एक राष्ट्र-एक कर होगा'। 'जीएसटी में केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे। हम संविधान में संशोधन करके जीएसटी लाए हैं। हम संसद के सभी सदस्यों, राज्यों, राज्यों के वित्त मंत्रियों और इसके लिए कार्य करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद देते हैं। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी जीएसटी की इस यात्रा के सबसे बड़े गवाह हैं। 2006 के बजट में यूपीए सरकार ने घोषणा की थी कि इसे 2010 तक लागू किया जाएगा। जीएसटी काउंसिल 18 बार बैठक कर चुकी है। जीएसटी से राज्‍यों के अधिकारों का हनन नहीं होगा। हर बार आम राय से फैसले लिए गए'।

बिन्दुवार पढ़िए नरेन्द्र मोदी के भाषण के प्रमुख अंश।

-प्रधानमंत्री ने दी नई परिभाषा कहा यह वास्तव में 'गुड एंड सिंपल टैक्स'। 

-हम सबकी सांझा विरासत का नतीजा है।
-जीएसटी गरीबों के प्रति संवेदन्शीलता का पूरा खयाल रखा गया है।
-कई तरह के टैक्सों से मुक्ति मिलेगी और अब एक कर की राह पर देश चलेगा।
-कालेधन और भ्रष्टाचार को रोकने वाली व्यवस्था है।
-अफसरशाही से व्यापारियों को होने वाली परेशानी अब खत्म होगी।
-कभी अलग-अलग तरह के 500 कराधान थे, जिनसे मुक्ति मिली है।
-लेह से लेकर लद्दाख तक अब सब वस्तुओं के दाम एक से होंगे।
-मेहनत और परिश्रम से सब सम्भव है यह चाणक्य ने कहा था।
-जीएसटी में छोटे व्यापारियों को भी लाभ होने वाला है।
-अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था दुनिया में सबसे अगर किसी चीज को समझना कठिन है तो वह है 'इनकम टैक्स'। अगर आज वो यहां होते तो ये सब देखकर न जाने क्या कहते।
-हम बहुत पवित्र जगह में बैठे हैं, देश की स्वतंत्रता की महान घटना की यह जगह साक्षी है।
-पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल और सरोजनी नायडू सबको याद किया।
-एक नई कर व्यवस्था और संघीय ढांचे को लागू करने के लिए इससे बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती है।
-सबको साथ लाना एक बड़ा काम था, जो पूरा किया गया है।
-इसे लागू करने की संसद से बेहतर जगह नहीं हो सकती थी।
-बोझ किसी एक पर न पड़े इसका पूरा खयाल रखा गया है।
-तकनीक सबको नहीं आती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो उसका हिस्सा नहीं बनेगा।
-आशंकाएं न करें ये मेरा अनुरोध है।
-आशंकाओं का बाजार गर्म न करें, देश कर सुधार की ओर चल पड़ा है उसका साथ दें। इसे लागू करने की कोशिश करें।
-निवेश को लेकर विश्व व्यापार में बढ़ावा मिलेगा।
-देश के व्यापार के असंतुलन को खत्म करेगा।
-जीएसटी से पिछड़े राज्यों को बढ़ने उनको भी अवसर मिलेगा
-हिन्दुस्तान के सभी राज्यों को विकास का समान अवसर दिलाएगा।
-केंद्र और राज्य के लोग मिलकर इसमें काम करें।
-आने वाली पीढ़ियां हमें गर्व के साथ स्वीकार करेंगी।
-ये न्यू इंडिया बनाने में ये अहम भूमिका निभाएगा।
-जीएसटी केवल ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस के इतर आर्थिक और सामाजिक रिफ़ॉर्म भी है।
-यह कानूनन भले ही 'गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स' हो, लेकिन इसको गुड एंड सिंपल टैक्स कहना होगा।
- गीता के भी अठारह अध्याय और जीएसटी में भी अठारह बैठकें हुईं।
-चाणक्य का उल्लेख किया और उनका एक दोहा सुनाते हुए कहा कि ईमानदारी से मेहनत की जाए तो कुछ भी असम्भव नहीं है।

परिवर्तन का हमेशा विरोध होता है : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि हर परिवर्तन का विरोध होता है, लेकिन यह वैट के लागू होने जैसा ही है।इसलिए सभी आशंकाओं को छोड़कर अब इसके क्रियान्वयन के बारे में सबको सहयोग करना चाहिए। यह मौका व्‍यक्तिगत रूप से मेरे लिए बेहद खास है। जीएसटी को लेकर पूरा विश्‍वास था कि यह लागू होगा। जीएसटी के लिए काउंसिल को बधाई देता हूंं। जीएसटी से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। जीएसटी से टैक्‍स व्‍यवस्‍था पारदर्शी होगी। शुरुआत में कुछ परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन जीएसटी से बहुत बड़ा बदलाव आएगा।

पढ़िए राष्ट्रपति के भाषण के बिन्दुवार प्रमुख अंश।

-मेरे लिए यह बड़े संतोष की बात है कि जीएसटी लागू हो रहा है ।
-मुझे भरोसा था कि जीएसटी एक दिन जरूर लागू होगा।
-मैं इससे शुरुआती समय से जुड़ा रहा हूं, 2011 में मैंने ही वित्त मंत्री के रूप में इसके बिल का संशोधन किया था।
-जीएसटी पर कई बार मुझे स्वत: काम करने का अवसर मिला है।
-उस समय बहुत से मामले ऐसे थे जिन्हें हमने सुलझाने का प्रयास किया था ।
-मुझे इसके लागू होने से विकास का पूरा भरोसा है।
-जीएसटी काउंसिल ने सबके सहयोग से काम किया इसके लिए बधाई।
-संदेह व्यक्त किया गया था वो आए भी, लेकिन काम समय पर पूरा हुआ है।
-राजनीतिक से ऊपर उठकर सभी दलों ने इसके लिए सोचा यह हमारे लोकतंत्र की जीत है।
-इससे इंटर स्टेट टैक्स सहित तमाम कर खत्म हुए हैं।
-इससे घरेलू व्यापार प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
-उद्योगों सहित निर्यात में भी स्पर्धा दिखेगी।
-सूचना तकनीक से यह व्यवस्था सुचारु रूप से काम करेगी।
-हर परिवर्तन का विरोध होता ही है।
- यह चुनौती भरा हो सकता है, लेकिन इसको कामयाब बनाने पर बात होनी चाहिए।
-इसके लिए आम सहमति से आगे बढ़ना होगा।
-यह वैट की तरह ही है, उसका भी विरोध हुआ था।
-जीएसटी को लागू करना एक लंबा सफ़र रहा है।
-इसके लिए सबको मिलकर सहयोग करना होगा। 

 

जीएसटी एक नजर में
-वस्तुओं और सेवाओं पर पूरे देश में एक समान टैक्स
-5%, 12%, 18%, 28% की चार बड़ी श्रेणियां
-अल्कोहल जीएसटी के दायरे से बाहर
-तेल से जुड़े उत्पाद भी जीएसटी के दायरे से बाहर
-उत्पादन से बिक्री तक हर चरण पर टैक्स
-लेकिन हर चरण में घटता जाएगा पिछला टैक्स
-ग्राहकों पर कुल टैक्स के बोझ में कमी
-केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और समग्र जीएसटी- कुल तीन स्तर
-कारोबारियों को हर महीने भरना होगा रिटर्न
-20 लाख तक के सालाना कारोबार पर जीएसटी नहीं
-80 लाख करदाता नई व्यवस्था से जुड़ेंगे
-जीएसटी से जुड़े 66 लाख करदाता
-64,000 अधिकारियों को अब तक ट्रेनिंग
-सारी फ़ाइलिंग ऑनलाइन ही होगी
-25 बैंकपोर्टल से जुड़े

 

Created On :   30 Jun 2017 7:02 PM GMT

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