राजनीति में उतरे प्रशांत किशोर, नीतीश की मौजूदगी में थामा JDU का दामन
- JDU में शामिल हो सकते हैं प्रशांत किशोर।
- चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री।
- नीतीश कुमार की मौजूदगी में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक होगा फैसला।
डिजिटल डेस्क, पटना। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चुनावी राजनीति में कदम रख दिया है। प्रशांत किशोर ने रविवार को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का दामन थामकर राजनीतिक सफर की शुरुआत कर दी है। पटना में नीतीश कुमार की मौजूदगी में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में प्रशांत किशोर जेडीयू में शामिल हो गए हैं।
Election strategist Prashant Kishor joins JDU in the presence of Bihar Chief Minister Nitish Kumar in Patna pic.twitter.com/UAkF3df2ee
— ANI (@ANI) September 16, 2018
2019 चुनाव को लेकर बैठक बेहद अहम
दरअसल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों की रणनीतिक तैयारियों को लेकर रविवार को पटना में जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में प्रशांत किशोर के जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की। प्रशांत किशोर ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी कि वो बिहार से नई यात्रा शुरू करने वाले हैं।
राजनीति में आने की अटकलों को किया था खारिज
हालांकि कुछ दिनों पहले प्रशांत किशोर ने राजनीति में आने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा था, फिलहाल ऐसा कोई इरादा नहीं है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि 2019 में किसी भी पार्टी के लिए उस तरह प्रचार करते नजर नहीं आएंगे जैसे पिछले चार-पांच साल से करते आए हैं।
बीजेपी, कांग्रेस और बिहार के महागठबंधन के लिए काम कर चुके हैं किशोर
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर 2014 में उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रचार को "मोदी लहर" में परिवर्तित कर दिया था। प्रशांत किशोर 2014 में बीजेपी, 2015 में बिहार में महागठबंधन और 2017 में उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं।
जीत सुनिश्चित करती है प्रशांत किशोर की रणनीति
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रशांत किशोर के बीच मतभेद की खबरें भी सामने आई थी। उन्होंने 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस के महागठबंधन के प्रचार की कमान संभाल ली थी। जिसके बाद चुनाव में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद किशोर ने उत्तर प्रदेश चुनाव और पंजाब में कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाली थी। ऐसा माना जाता है प्रशांत किशोर की रणनीति किसी भी पार्टी के लिए चुनाव में जीत सुनिश्चित करती है।
कौन हैं प्रशांत किशोर ???
प्रशांत किशोर का जन्म 1977 में बिहार के बक्सर जिले में हुआ था। प्रशांत के पिता डॉ. श्रीकांत पांडे डॉक्टर हैं। उनकी मां इंदिरा पांडे हाउस वाइफ हैं। प्रशांत किशोर की शुरुआती पढ़ाई बिहार में ही हुई। बाद में उन्होंने हैदराबाद से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद यूनिसेफ में नौकरी की और ब्रांडिंग की जिम्मेदारी संभाली।
वाइब्रैंट गुजरात की ब्रांडिंग का जिम्मा संभाल चुके हैं किशोर
यूनिसेफ के बाद 2011 में प्रशांत भारत लौटे और गुजरात के चर्चित आयोजन "वाइब्रैंट गुजरात" से जुड़ गए। उन्होंने इस आयोजन की ब्रांडिंग का जिम्मा संभाला और यह बेहद सफल रहा। "वाइब्रैंट गुजरात" के आयोजन के दौरान ही गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी जान-पहचान हुई थी। फिर प्रशांत किशोर ने मोदी के लिए काम करना शुरू किया।
2014 चुनाव में मिली असली पहचान
प्रशांत किशोर की असली पहचान 2014 के लोकसभा चुनाव में बनी। इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी के लिए काम किया और बीजेपी की जीत के लिए प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति को श्रेय दिया गया था। लोकसभा चुनावों में बीजेपी के चुनाव प्रचार के दो अहम अभियान, "चाय पर चर्चा" और "थ्री-डी नरेंद्र मोदी" के पीछे प्रशांत किशोर का ही दिमाग था। मगर 2014 में जीत के बाद प्रशांत किशोर की बीजेपी से दूरी बढ़ गई और वो बिहार की तरफ बढ़े।
नीतीश कुमार के साथ पहले भी कर चुके हैं काम
2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के लिए काम किया और यहां भी उनकी रणनीति सफल रही। इस चुनाव के बाद प्रशांत किशोर की नीतीश कुमार से नजदीकी बढ़ गई और दोनों लोग कई जगह साथ दिखे।
Created On :   16 Sept 2018 10:29 AM IST