यूपी में बिजली, सड़क और शिक्षा से निकलेगा वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का रास्ता

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
उत्तरप्रदेश यूपी में बिजली, सड़क और शिक्षा से निकलेगा वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का रास्ता
हाईलाइट
  • उत्तर प्रदेश में अभी 30
  • 517 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लक्ष्य पर काम कर रही है। इसके लिए आने वाले दिनों में बिजली, सड़क और शिक्षा के क्षेत्र में नये माइलस्टोन निर्धारित किये जा सकते हैं।

सरकार का पूरा ध्यान 2027 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लगभग 76 लाख करोड़ रुपये (वन ट्रिलियन डॉलर) के विशाल लक्ष्य तक पहुंचाना है और ये फासला बिजली, सड़क और शिक्षा जैसे मूलभूत ढांचे में नये टार्गेट तय करने के साथ ही पूरा किया जा सकता है।

भारत के पूर्व आर्थिक सलाहकार रहे कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमण्यम की ओर से एक पूरा खाका खींचा गया है, जिसे जल्द ही योगी मंत्रिमंडल के सामने भी प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि बीते अप्रैल माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद सुब्रमण्यम को इस संबंध में विस्तृत प्रेजेंटेशन रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया था। राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश को आमंत्रित करने के साथ ही सु्ब्रमण्यम का विशेष जोर प्रदेश की सड़कों को और अधिक विस्तार देने, बिजली के उत्पादन को बढ़ाने और स्कूली शिक्षा में छात्र और शिक्षक के अनुपात को कम करने पर है।

सुब्रमण्यम की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में अभी 30,517 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिसे अगले पांच साल में पांच गुना बढ़ा के 1,93,378 मेगावॉट तक पहुंचाना होगा। इसका मतलब 1,62,861 मेगावाट अतिरिक्त बिजली के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित करना है। वहीं सडकों की बात करें तो प्रदेश में अभी इनकी कुल लंबाई 4,43,000 किलोमीटर है, जिसमें 3,12,000 किलोमीटर सडकों का अतिरिक्त जाल बिछाते हुए कुल 7,55,000 किलोमीटर का लक्ष्य प्राप्त करना होगा। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र की बात करें तो प्रदेश के स्कूलों में अभी 39 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की व्यवस्था है, जिसे कम करते हुए 20 विद्यार्थी प्रति शिक्षक के स्तर पर लाना होगा।

बिजली, सड़क और शिक्षा जैसे बुनियादी ढांचे का सीधा संबंध सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढ़ोतरी के तौर पर देखा जा सकता है, इसका जीता जागता मॉडल पूर्वी एशियाई देश की अर्थव्यवस्था में मिलता है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में प्रत्येक बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के लिए सूबे में 502.12 मेगावॉट बिजली की आवश्यक्ता होगी। इसके पीछे अनुमान ये है कि 2027 तक प्रदेश की जनसंख्या लगभग 24 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी। अनुमान के मुताबिक वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था तक पहुंचते पहुंचते राज्य में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत लगभग 7 हजार यूनिट प्रतिवर्ष होगी।

 

 (आईएएनएस)।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   4 Nov 2022 12:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story