नौकरीपेशा लोगों के लिए बुरी खबर, EPFO ने 2017-18 के लिए घटाई ब्याज दर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो ये खबर आप के लिए है। दरअसल नौकरीपेशा लोगों को सरकार ने एक और झटका दिया है। बुधवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ब्याज दर को घटा दिया है। सरकार ने ब्याज दरों में 0.10 प्रतिशत की कटौती कर इसे 8.55 फीसदी कर दिया है। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2016-17 में ब्याज दर 8.65 प्रतिशत थी। प्रॉविडेंट फंड डिपॉजिट पर ब्याज का यह फैसला बुधवार को ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड के ट्रस्टियों की बोर्ड मीटिंग में लिया गया है।
586 करोड़ का सरप्लस
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने कहा कि 8.55 प्रतिशत की दर से ईपीएफओ के पास 586 करोड़ का सरप्लस होगा। बुधवार को 220वीं बैठक के बाद गंगवार ने उम्मीद जताई कि वित्त मंत्रालय इसे अपनी सहमति प्रदान करेगा।
8.65 % दर बरकरार रखने की थी उम्मीद
इसके पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि EPFO मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 8.65% की ब्याज दर बरकरार रख सकता है। ऐसा इसलिए माना जा रहा था क्योंकि EPFO ने इस वित्त वर्ष में अपने इक्विटी पोर्टफोलियो में ठीक ठाक प्रॉफिट बुकिंग की है। ईपीएफओ ने इसी महीने 2886 करोड़ रुपये मूल्य के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स बेचे हैं। लेकिन उम्मीदों के उलट ब्याज दर को घटा दिया गया। जाहिर है कर्मचारी इस फैसले से नाखुश होंगे।
5 करोड़ सब्सक्राइबर्स को नुकसान
सरकार के इस फैसले के बाद EPFO के पांच करोड़ सब्सक्राइबर्स को नुकसान होगा। ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज साल खत्म होने से पहले ब्याज दर तय करता है। लेकिन, सूत्रों की मानें तो मौजूदा वित्त वर्ष खत्म होने में अब महज एक महीने से बचा है। इसलिए यह मुद्दा इसी बैठक में उठाया गया। ईपीएफ पर ब्याज दरें पीएफ फंड के निवेश से मिलने वाले रिटर्न के आधार पर तय होती हैं। बीते कुछ वर्षों के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों पर रिटर्न लगातार घट रहा है। सरकार 2015 में खरीदे गए ईपीएफओ के कुछ शेयर्स को भी बेचने की योजना बना रही थी ताकि ब्याज दर को 8.65 फीसद पर स्थिर रखा जा सके।
Created On :   21 Feb 2018 11:08 PM IST