हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस ने क्यों बताया सोहराबुद्दीन केस को न्याय तंत्र की विफलता?

Ex-judge Thipsay said Failure of justice system in Sohrabuddin encounter case
हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस ने क्यों बताया सोहराबुद्दीन केस को न्याय तंत्र की विफलता?
हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस ने क्यों बताया सोहराबुद्दीन केस को न्याय तंत्र की विफलता?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभय एम थिप्से ने जज लोया की मौत पर संदेह जताया है। रिटायर होने के एक साल बाद एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि जस्टिस लोया की मौत में कुछ संदिग्ध" और "सामान्य बातों से अलग था। इतना ही नहीं उन्होंने सोहराबुद्दीन केस को न्याय तंत्र की विफलता बताया। बता दें कि जस्टिस बीएच लोया की 1 दिसंबर 2014 को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वे सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे।

सोहराबुद्दीन केस के फैसलों को दोबारा पढ़ा
पूर्व न्यायाधीश अभय एम थिप्से  ने कहा कि जज लोया की मौत के बाद उपजे हालात के मद्देनजर उन्होंने सोहराबुद्दीन केस में जज लोया और अन्य जजों द्वारा दिए गए फैसलों को दोबारा पढ़ा था और यह समझने की कोशिश की थी कि उसमें सबकुछ सामान्य है या कुछ असामान्य। जस्टिस थिप्से ने आगे कहा कि उन्हें इस मामले में कुछ गड़बड़ी नजर आई है जिस पर हाईकोर्ट को जांच के आदेश देने चाहिए। जस्टिस थिप्से ने सख्त टिप्पणी करते हुए सोहराबुद्दीन मामले को न्याय तंत्र की विफलता भी करार दिया है।

इसलिए तोड़ी इतने दिनों बाद चुप्पी
सोहराबुद्दीन शेख केस में इतने दिनों के बाद चुप्पी तो़ड़ने को लेकर पूर्व जस्टिस ने कहा कि मैं बहुत असहज था क्योंकि मैंने इस केस को देखा है, मुझे इस मामले के कई तथ्यों के बारे में पता है, क्योंकि मैंने कुछ अभियुक्तों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की है। इस केस में 38 में 15 को छुट्टी दे दी गई। हालांकि, मैं अपने आदेश में वंजारा को जमानत देने के पक्ष में नहीं था, लेकिन मुझे जमानत देनी पड़ी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे आरोपी राजकुमार और चौबे को जमानत दे दी थी।

हालांकि, मैंने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि उनके खिलाफ (वंजारा) प्राइमफेसी का मामला था और यह भी एक बहुत ही जघन्य अपराध भी था। सुप्रीम कोर्ट ने उन पहलूओं पर ध्यान नहीं दिया और जमानत दे दी। हालांकि, जब इन सब आधारों पर दूसरे को जमानत मिल गई तो उसे (वंजारा) जमानत न देना अनुचित था। यही कारण था कि मैंने वंजारा को जमानत दे दी

क्या है मामला
जस्टिस बीएच लोया की 1 दिसंबर 2014 को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वे सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। गुजरात के इस चर्चित मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत गुजरात पुलिस के कई आला अधिकारियों के नाम आए थे। इस मामले में अमित शाह को सीबीआई कोर्ट ने बरी किया था। हालांकि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में अमित शाह को क्लीन चिट देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

जज लोया के बेटे ने मानी थी सामान्य मौत
4 जजों की प्रेस कॉफ्रेंस के बाद सोहराबुद्दीन मामले की सुनवाई कर रहे जज बृजगोपाल लोया की मौत के मामले में उनके बेटे अनुज लोया ने मीडिया से अपील की थी कि उन्हें परेशान न किया जाए। उनके पिता की मौत संदिग्ध नहीं है। वे जांच रिपोर्ट से संतुष्ट हैं। वे अपने पिता की मौत को लेकर किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं। 

Created On :   14 Feb 2018 6:33 PM IST

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