मनमोहन बोले, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना असंभव

Ex PM Manmohan Singh said its impossible to farmers income double till 2022
मनमोहन बोले, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना असंभव
मनमोहन बोले, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना असंभव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम बजट के आंकड़ों के जरिए बढ़ते कृषि संकट को दूर करने की बात कहकर वित्त मंत्री अरुण जेटली और केंद्र सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। सरकार का कहना है कि इस बजट में किसानों के लिए बहुत कुछ है, लेकिन विपक्ष और कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ इसकी आलोचना कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना असंभव है। उन्होंने कहा कि यह तब तक संभव नहीं है जब तक कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 12 प्रतिशत तक नहीं पहुंच जाती है। इस घोषणा को उन्होंने सरकार का खोखला आश्वासन बताया।

 

 

जनता को पसंद नहीं आया "बजट-2018", सोशल मीडिया पर इस तरह बनाया मजाक

 

 

 

 

वित्तीय अंकगणित में गड़बड़ी


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि राजकोषीय घाटे में वृद्धि हुई है। देखने वाली बात है कि सरकार अपने वादों को कैसे पूरा करेगी। उन्होंने कहा, मेरी समझ में यह बजट चुनाव में फायदा हासिल करने की मंशा से पेश किया गया है। सरकार ने जो बजट पेश किया है उसे लेकर मैं चिंतित हूं, वित्तीय अंकगणित में कुछ गड़बड़ है। बता दें कि बजट पेश करते हुए जेटली ने जोर देकर कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी और साथ ही एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में 1.5 गुना वृद्धि करने का वादा किया। सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि व ग्रामीण विकास पर 2,01,933 करोड़ रुपए के बजटीय आवंटन के साथ खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन पर जोर दिया है।

 

बजट : गरीब परिवारों को पीएम मोदी की सौगात, 5 लाख तक का इलाज होगा मुफ्त

 

राहुल गांधी ने भी साथा निशाना

 

वहीं वाम दलों ने कहा कि अर्थव्यवस्था से जुड़े मुख्य मुद्दों का समाधान नहीं हुआ और सरकार के वादे अधूरे रह गए। बता दें कि कांग्रेस ने वर्ष 2018-19 के आम बजट को बिल्कुल निराशाजनक बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय बजट को लेकर केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि पिछले चार सालों में जो वादे किए गए वो बस वादे ही बनकर रह गए। राहलु ने कहा कि शुक्र है कि मोदी सरकार का केवल एक साल बचा हुआ है। राहुल ने उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस दौरान केवल तड़क-भड़क वाली योजनाओं के साथ आगे आई और देश के युवाओं को रोजगार मुहैया नहीं कराया।

 

 

 बजट 2018 : राष्ट्रपति-राज्यपाल की सैलरी बढ़ी, आम आदमी को कोई राहत नहीं

 

पी चिदंबरम ने किया सवाल

 

चिदंबरम ने बजट को लेकर कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार मुश्किल हैं। सरकार के इरादों पर सवाल खड़ा करते हुए पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सवाल किया कि कृषि आय में सुधार क्यों नहीं हो रहा है? आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले चार वर्षों से कृषि जीडीपी स्थिर रहा है। कृषि राजस्व में पिछले चार वर्षों में कोई बदलाव नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बजट में सरकार ने इस बात का कोई जिक्र नहीं किया कि वह अपनी योजनाओं को आगे कैसे बढ़ाएगी।  

Created On :   2 Feb 2018 9:35 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story