किसानों के हल्ला बोल में फिर एकजुट हुआ विपक्ष, मोदी सरकार पर बरसे राहुल, केजरीवाल और फारूक
- एमएस स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट
- कर्जमाफी समेत कई मांगो को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन
- देश के अलग-अलग राज्यों से किसानों ने किया दिल्ली कूच
- भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के मेंबर योगेंद्र यादव के नेतृत्व किया गया प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अपनी मांगो को लेकर करीब 1 लाख की तादाद में दिल्ली में जुटे किसानों के आंदोलन में एक बार फिर विपक्षी एकता सामने आई। किसान आंदोलन के मंच से विपक्षी दलों के कई नेताओं ने केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया और कहा कि 2019 में मोदी सरकार को अपनी किसान विरोधी नीतियों को नतीजा भुगतना पड़ेगा। दिल्ली में किसान आंदोलन में शुक्रवार को राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, शरद यादव, सीताराम येचुरी समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। सभी नेताओं ने बारी-बारी से केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा।
राहुल गांधी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि देश का अन्नदाता आज मोदी सरकार से अपना हक मांग रहा है। राहुल ने कहा, "अपने राज्यों से दिल्ली तक आए ये किसान तोहफा मांगने के लिए नहीं आए हैं। जिन-जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वहां किसान की स्थिति खराब होती जा रही है। देश के प्रधानमंत्री किसानों की वास्तविक स्थिति या परिचित नहीं है और अगर परिचित है तो वे किसानों का कर्ज क्यों माफ नहीं कर रहे है।"
राहुल ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान या छत्तीसगढ़ किसी भी राज्य को देख लीजिए किसान कर्ज के बोझ में दबा जा रहा है। आत्महत्याओं के मामले बढ़ते जा रहे है। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री किसानों का कर्ज माफ करने की बजाए अपने अरबपति दोस्तों का कर्ज माफ कर रहे है।
इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास अभी भी 5 महीने बाकी है, अगर अभी भी इन लोगों ने किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा, "मैं केन्द्र सरकार से मांग करता हूं कि जल्द से जल्द स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करें। वरना 2019 में ये किसान कयामत ढा देंगे।"
बता दें कि अलग-अलग बॉर्डर से पैदल चलकर दिल्ली पहुंचे इन किसानों की मुख्य मांग एमएस स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को लागू कराना है। इसके अलावा फसलों के उचित दाम की गारंटी देने का कानून बनाना और किसानों का कर्ज एकमुश्त माफ कर उन्हें कर्ज मुक्त करना है।
एक नजर में दिनभर का घटनाक्रम :
- किसानों की रैली को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किया संबोधित
- किसानों का ये जत्था अभी जंतर-मंतर पर है, जहां नेता रैली को संबोधित कर रहे हैं।
- सभी किसानों को अब एक नारा मन में रख लेना चाहिए- नरेंद्र मोदी, किसान विरोधी : योगेंद्र यादव, स्वराज इंडिया
- अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति मार्च अब संसद मार्ग पहुंच चुका है। जंतर-मंतर के आसपास यातायात प्रभावित है, अन्य जगह यातायात अब सामान्य है: दिल्ली ट्रैफिक पुलिस
- दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पहुंच सकते हैं।
- किसान मार्च में शरद पवार ने कहा कि किसानों की समस्या को दूर करने के लिए हम कानून बनाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास नंबर नहीं हैं लेकिन प्राइवेट बिल लाकर हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे।
- प्रदर्शन कर रहे किसानों की बड़ी मांग फसलों के बेहतर MSP की गारंटी देने के लिए एक कानून बने
- दिल्ली में चल रहे किसानों का प्रदर्शन में विपक्षी नेताओं का जमघट भी बना। एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीताराम येचुरी, डी राजा, आप नेता संजय सिंह समेत कई नेता शामिल हुए। कुछ ही देर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी यहां पहुंचेंगे
- प्रदर्शन कर रहे किसानों की बड़ी मांग कृषि संकट और इसके मुद्दों पर बहस के लिए संसद का कम से कम तीन हफ्ते का स्पेशल सेशन होना चाहिए
- आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और किसान मार्च में शामिल हो रहे योगेंद्र यादव ने कहा कि आज देश के अलग-अलग हिस्सों से 201 से अधिक संगठन एक साथ आए हैं। किसानों की कई मांगें हैं जिन्हें पूरा करने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की संख्या लाखों में हैं। प्रदर्शन में शामिल किसानों का कहना है कि मोदी सरकार उनके लिए काम नहीं कर रही है, जो भी सरकार किसानों के लिए काम करेगी वही दिल्ली पर राज करेगा।
- अगर यह सरकार किसानों की बात नहीं सुनेगी तो हम अपने वोट की ताकत से इस सरकार को हटाएंगे: दिल्ली में किसानों को संबोधित करते हुए सीताराम येचुरी
- शाम चार बजे किसानों के मार्च में शामिल होंगे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल।
- किसानों ने दिल्ली वालों के नाम एक खुला पत्र जारी किया है जो पर्चे की शक्ल में हैं और पिछली रात से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
- किसानों के साथ इस आंदोलन में डॉक्टर, वकील, पूर्व सैनिक, पेशेवर और छात्रों सहित समाज के तमाम वर्गों के लोग भी शामिल हैं. गुरुवार से ही ये किसान रामलीला मैदान में डटे हुए थे।
- रामलीला मैदान से किसानों ने संसद भवन की ओर किया कूच
- देश के अलग-अलग बॉर्डर से दिल्ली पहुंच रहे है किसान
Delhi: Farmers from all across the nation hold protest for the second day over their demands of debt relief, better MSP for crops, among others; latest #visuals from near Jantar Mantar pic.twitter.com/zwnHQHALkk
— ANI (@ANI) November 30, 2018
हालांकि मार्च को लीड कर रहे नवगठित स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के मेंबर योगेंद्र यादव और किसान आंदोलन के संयोजक अभिक साहा ने साफ कर दिया है कि यह किसान आंदोलन शुरू से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहा है और उन्हें उम्मीद है कि पुलिस उन्हें संसद तक मार्च करने से नहीं रोकेगी। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इंडिया गेट और जंतर मंतर पर अभी प्रोटेस्ट की इजाजत नहीं है, इसलिए पुलिस ने इजाजत नहीं दी। पुलिस आयोजकों से बातचीत कर यही कोशिश कर रही है कि वो रामलीला मैदान में ही रैली कर लें।
आज किसान कर्जमाफी, फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कृषि के लिए विशेष सत्र बुलाने जैसी मांगों को लेकर संसद की तरफ मार्च करेंगे। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये हैं। पुलिस ने कहा कि किसानों के मार्च के दौरान सड़के के दोनों तरफ रस्सी होगी और दूसरी तरफ पुलिस तैनात होगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यातायात प्रभावित नहीं हो। राजधानी में यातायात प्रभावित ना हो इसके लिए शुक्रवार को 3,500 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
Created On :   30 Nov 2018 8:01 AM IST