किसानों का अस्थाई घर, ट्रैक्टरों में पराली बिछा सो रहे किसान

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किसानों का अस्थाई घर, ट्रैक्टरों में पराली बिछा सो रहे किसान
किसानों का अस्थाई घर, ट्रैक्टरों में पराली बिछा सो रहे किसान
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  • किसानों का अस्थाई घर
  • ट्रैक्टरों में पराली बिछा सो रहे किसान

गाजीपुर बॉर्डर, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)। तीन कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस आंदोलन में किसान केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज करा रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान अपने साथ भारी संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य गाड़ियां लेकर आए हैं। इन गाड़ियों को किसानों ने अपना अस्थाई घर भी बना लिया है।

दरअसल किसानों ने ट्रैक्टर में लगने वाली ट्रॉली में पराली रख रखी है, जिसके ऊपर चादर बिछा रखी है। वहीं कुछ ट्रॉली में गद्दे भी बिछाए हुए हैं।

ट्रैक्टरों पर तंबू लगाकर किसान आराम से किसी भी मौसम में रात गुजार सकते हैं। इन तम्बुओं में खाने से जुड़ी सामग्री भी रखी जा सकती है। साथ ही बारिश से बचने के लिए इनके ऊपर त्रिपाल भी लगाई गई है।

इनमें आराम से 7 से 10 लोग रात में सो सकते हैं। कुछ किसान इन्हें अपना आंदोलन रथ भी कहते हैं। उनके मुताबिक लंबी लड़ाइयों में इस तरह की व्यवस्थाएं की जाती है।

ट्रैक्टरों में सब्जियां, गैस, सिलेंडर और फल भी रखे हुए हैं। पराली और त्रिपाल से इसका तापमान भी स्थिर रहता है।

प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने आईएएनएस को बताया, ट्रैक्टरों और छोटी गाड़ियों में इस तरह की व्यवस्था की जाती है। इनमें लोग आराम से अपनी रात गुजार सकते हैं। वहीं हम सभी किसानों का हुक्का पानी भी आराम से इनमें आ जाता है।

इनमें हम अपने मनोरंजन के लिए छोटे स्पीकर भी लगा सकते हैं। ताकी लंबे सफर में इनका इस्तेमाल किया जा सके।

दरअसल सिंघु बॉर्डर और दिल्ली के निरंकारी मैदान में भी इसी तरह के ट्रैक्टरों को लेकर आया गया है। जिनमें एक तरह से किसानों ने अपना अस्थाई घर बना लिया है।

एमएसके/एएनएम

Created On :   2 Dec 2020 4:00 PM IST

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