कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों को एमएसपी खोने का डर : चिदंबरम (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

Farmers who oppose agricultural laws fear losing MSP: Chidambaram (IANS Exclusive)
कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों को एमएसपी खोने का डर : चिदंबरम (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों को एमएसपी खोने का डर : चिदंबरम (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। आर्थिक मामलों पर उनके विचारों को हमेशा महत्व दिया जाता रहा है। उन्होंने किसानों के समर्थन मूल्य से लेकर कोविड के चलते प्रभावित अर्थव्यवस्था तक कई मुद्दों पर आईएएनएस के साथ एक खास बातचीत की।

आईएएनएस के साथ विशेष साक्षात्कार के कुछ अंश :

प्रश्न : आपको कहां लगता है कि सरकार पेट्रो उत्पाद पर लगाए गए कर का उपयोग कर रही है? क्या सरकार इसे समाज कल्याण योजनाओं में खर्च कर रही है?

उत्तर : ये तो बजट अनुमान के ड्राफ्ट को देखने के बाद ही पता चलेगा। कल्याणकारी योजनाओं के तहत अब तक के वास्तविक खर्च को देखे बिना प्रश्न का उत्तर देना मुश्किल है। व्यापक रूप में, यह कहना सही होगा कि सरकार को राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है। रक्षा और स्वास्थ्य जैसे मदों में खर्च प्रारंभिक अनुमान से कहीं ज्यादा है और उस खर्च को कम कर दिया गया है। फिर भी कुल राजस्व की प्राप्ति और कुल व्यय में बड़ा अंतर है। इसलिए, साल के बीच मेंकर लगाने से अर्जित अतिरिक्त राजस्व शायद उस गैप को भरने और राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद करेगा।

प्रश्न : पिछले छह सालों में मोदी सरकार ने यूपीए का जनकल्याणकारी मॉडल ही अपनाया है और लगता है कि इस मार्ग पर चलते हुए उसने कई चुनाव जीते। क्या ये सही है?

उत्तर : पिछले छह वर्षों में, भाजपा चुनाव जीती भी है और हारी भी। आप भूल गए हैं कि पिछले छह वर्षों में भाजपा कर्नाटक, गोवा, मणिपुर, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव हारी है। इसके अलावा, भाजपा ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में खराब प्रदर्शन किया है। यह सही है कि भाजपा ने पूरी तरह से कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा किया है और यूपीए सरकारों की तरह इसे लागू किया गया है। मेरे पास गहरे प्रशासनिक सुधार का और कोई सबूत नहीं है।

प्रश्न : कोविड का प्रभाव अर्थव्यवस्था पर कितना होगा? क्या आप अर्थव्यवस्था की वी-शेप में रिकवरी देख रहे हैं?

उत्तर : प्रभाव तो बहुत ज्यादा होगा। आईएमएफ और ऑक्सफोर्ड अर्थशास्त्र के अनुसार, भारत सबसे अधिक प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। रिकवरी में भी काफी देर लगेगी और धीरे होगी। मुझे नहीं लगता कि वी-शेप रिकवरी हो पाएगी।

प्रश्न : सरकार के वित्त में काफी गड़बड़ी दिख रही है, जीएसटी मुआवजे को लेकर राज्य हंगामा कर रहे हैं। क्या होगा आगे?

उत्तर : केंद्र और राज्य सरकार -- दोनों की ही वित्तीय व्यवस्था खराब हालत में है। केंद्र सरकार ने राज्यों के कर राजस्व या जीएसटी हिस्सा देने का वादा पूरा नहीं किया है। संघीय प्रणाली के लिए भविष्य काफी अंधकारमय है।

प्रश्न : विवादास्पद कृषि बिलों पर किसान गुस्से में हैं। लेकिन क्या आपको लगता है कि कांग्रेस ने इसे एक राजनीतिक मुद्दा बनाया? ये कानून कैसे किसानों के खिलाफ है? ये एक अच्छा सुधार लगता है।

उत्तर : कृषि बिलों की कमियों को हमने उजागर किया है, मैं उन्हें यहां दोहराना नहीं चाहता। महत्वपूर्ण सवाल है -- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)। आज कितने किसानों को एमएसपी मिलता है और भविष्य में कितनों को मिलेगा? जो किसान इससे फायदा उठा रहे थे, उनको इसे खोने का डर है। वही किसान विरोध में सबसे आगे हैं। वर्तमान खाद्य सुरक्षा प्रणाली के तीन स्तंभों का निर्माण करने वाली कांग्रेस ने एमएसपी, पब्लिक प्रोक्योरमेंट और पीडीएस का एक ढांचा खड़ा किया था। यह पार्टी के लिए काफी अहम है। हमें एमएसपी और पीडीएस के लिए लड़ना होगा।

प्रश्न : आर्थिक सुधार की जब बात आती है, तो क्या यह सरकार यथास्थिति में विश्वास रखती है या बोल्ड स्टेप लेने वाली सरकार है?

उत्तर : भाजपा सरकार यथास्थिति में विश्वास नहीं करती, वो देश को पीछे ले जाने में विश्वास रखती है। ये ऐसी नीतियां अपना रही है जो हमें निरंकुशता, लाइसेंस और नियंत्रण के युग में वापस ले जाएगी।

प्रश्न : क्या आरबीआई को कॉर्पोरेट्स घराने को बैंक लाइसेंस देना चाहिए? क्या आप आरबीआई की कार्यप्रणाली से खुश हैं?

उत्तर : नहीं, कॉर्पोरेट्स और व्यावसायिक घरानों को बैंकिंग क्षेत्र में बैंक खोलने की अनुमति देना अच्छा आइडिया नहीं है। मैंने पहले ही अपने कारण बता दिए हैं। हम डॉ. रघुराम राजन और डॉ. विरल आचार्य द्वारा किए गए विश्लेषण का समर्थन करते हैं। आरबीआई ने अपनी काफी सारी स्वायत्तता सरकार को दे दी है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है।

एसकेपी/एसजीके

Created On :   26 Nov 2020 1:01 PM GMT

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