'गगनशक्ति' में भारत ने दिखाई शक्ति, 72 घंटे में IAF के 5000 जेट्स ने भरी उड़ान

fighter jets of indian airforce show the strength in gagan shakti 2018
'गगनशक्ति' में भारत ने दिखाई शक्ति, 72 घंटे में IAF के 5000 जेट्स ने भरी उड़ान
'गगनशक्ति' में भारत ने दिखाई शक्ति, 72 घंटे में IAF के 5000 जेट्स ने भरी उड़ान
हाईलाइट
  • इंडियन एयरफोर्स इन दिनों अपने सबसे बड़े युद्धाभ्यास 'गगनशक्ति 2018' के जरिये अपने युद्ध कौशल को परख रही है।
  • इस युद्धाभ्यास के दौरान पिछले हफ्ते 72 घंटों में भारतीय वायुसेना के 5000 फाइटर जेट्स ने उड़ान भरी।
  • एक सीनियर ऑफिसर के मुताबिक 1986-1987 के ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और 2001-2002 में ऑपरेशन पराक्रम के बाद हुआ अब तक सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  इंडियन एयरफोर्स इन दिनों अपने सबसे बड़े युद्धाभ्यास "गगनशक्ति 2018" के जरिये अपने युद्ध कौशल को परख रही है। इस युद्धाभ्यास के दौरान पिछले हफ्ते  72 घंटों में भारतीय वायुसेना के  5000 फाइटर जेट्स ने उड़ान भरी। इसके साथ ही एयरफोर्स ने अपने फाइटर जेट्स को पूर्वी सीमाओं पर भेजना शुरू कर दिया है। वायुसेना एक बार फिर लद्दाख से चीन बॉर्डर पर अरुणाचल प्रदेश में अपनी ताकत बढ़ा रही है। ये भी वायुसेना के इस एक्सरसाइज का ही एक हिस्सा है।
 


सबसे बड़े युद्धाभ्यासों में "गगनशक्ति"

एक सीनियर ऑफिसर के मुताबिक 1986-1987 के ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और 2001-2002 में ऑपरेशन पराक्रम के बाद हुआ अब तक सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास है। अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर संभावित खतरे से निपटने के लिए भारत को कम से कम 42 फाइटर स्क्वाड्रोन्स की जरूरत है लेकिन भारत के पास सिर्फ 31 ही हैं। हालांकि इनकी संख्या कम होने के बावजूद भी वायुसेना इस एक्सरसाइज की मदद से खुद को मजबूती से तैयार कर रही है। फिलहाल इंडियन एयरफोर्स की पूरी वार मशीनरी  पैन इंडिया एक्सरसाइज गगन शक्ति में लगाई गई है।
 


युद्ध से निपटने के लिए खुद को तैयार करने का लक्ष्य
इंडियन एयरफोर्स के प्रमुख एयर चीफ मार्शल बिरेंद्र सिंह धनोआ ने कहा हमारा लक्ष्य परिचालन क्षमता और असल युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए खुद को तैयार करना है। इस अभ्यास के जरिए हाई स्पीड ऑपरेशन को बनाए रखने की क्षमता की जांच करना है। 


सीमा पर तैनात किए गए हैं हजारों सैनिक
बॉर्डर पर लगभग 1150 सैनिकों, विमानों, हेलीकॉप्टर और ड्रोन्स के साथ ही सैकड़ों एयर-डिफेंस मिसाइल, रडार, निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं और दूसरी इकाइयों को हाई वोल्टेज अभ्यास के लिए तैनात किया गया है। ये अभ्यास भारतीय सेना और नौसेना की भागीदारी के साथ ही जमीन,हवाई, समुद्री लड़ाकू अभियानों के लिए हो रही है। एयरफोर्स ने जरूरत पड़ने पर 83 फीसदी सेवा क्षमता को पाने के लिए व्यवस्थित तरीके से काम किया है। 
 


भारत ने ऐसे दिखाई दुश्मनों को ताकत
15 दिवसीय गगनशक्ति अभ्यास के तहत एयरफोर्स इन दिनों ताकत दिखा रही है। पाकिस्तान से सटी सीमा पर पिछले हफ्ते  72 घंटे यानी तीन दिन में इंडियन एयरफोर्स की 5000 फाइटर जेट्स ने उड़ानें भरी हैं। आपातस्थिति को ध्यान में रखते हुए लगभग 15000 एयरफोर्स कर्मियों को ट्रेनिंग से युद्ध के मोर्चे पर लगाया गया है। 1100 एयरक्राफ्ट्स ने  हवाई प्रदर्शन किया। इनमें 160 से ज्यादा सुखोई-30 जेट्स और 8 तेजस विमान भी शामिल हैं।  इन विमानों  ने करीब 6000 घंटे तक आसमान में उड़ान भरी। इस अभ्यास में देश के 46 एयरबेसों का इस्तेमाल किया जा  रहा है।  ऐसी खबर है कि इस पूरे अभियान पर पाकिस्तान की भी नजर बनी हुई थी। बता दें कि वायुसेना के इस अभ्यास की शुरुआत 8 अप्रैल को हुई थी जो कि  22 अप्रैल तक दो चरणों में चलेगा।  
 


बिना रुके पूरे किए जाएंगे मिशन
गगनशक्ति का उद्देश्य किसी भी खतरे से निपटने के लिए त्वरित रूप से व्यवस्था और श्रेष्ठ प्रदर्शन देना है। मतलब जरुरत पड़ने पर पूर्वी तट एयरबेस से पश्चिमी तट एयरबेस की दूरी को भी बिना रुके कवर किया जा सकता है। इसी तरह इमरजेंसी के वक्त भी बिना किसी रुकावट के मिशन पूरे किये जा सकते हैं।

Created On :   17 April 2018 10:26 AM GMT

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