गुरुग्राम में ईडब्ल्यूएस फ्लैट बिक्री में मानकों के उल्लंघन पर 6 के खिलाफ एफआईआर
गुरुग्राम, 8 अगस्त (आईएएनएस)। ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के फ्लैटों की फिर से बिक्री पर कथित तौर पर मानकों को नजरअंदाज करने के आरोप में छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के फ्लैटों से संबंधित दिशानिर्देशों के अनुसार, बिल्डर लकी ड्रा की प्रक्रिया के माध्यम से खरीदारों का चयन करते हैं। प्रावधान के अनुसार, एक बार संपत्ति खरीदने के बाद, मालिक या खरीदार इसे कम से कम 5 साल से पहले नहीं बेच सकते हैं।
प्राथमिकी के अनुसार, जिन व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनका क्षेत्र के तहसीलदार और नायब तहसीलदार के साथ करीबी संबंध था, जिन्होंने मानदंडों को अनदेखा करते हुए 5 साल की अनिवार्य अवधि से पहले, संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए बिक्री के कागजात तैयार किए थे।
सीएम फ्लाइंग स्कवाड की सिफारिश पर एफआईआर दर्ज की गई।
पावर ग्रिड सेक्टर 46 के निवासी गिरिश कुमार, दिल्ली के पालम गांव की मनीषा, सुभाष नगर के हेमंत कुमार, राजेंद्र पार्क के कमलेश और पुणे के शिव गंगा अपार्ट मेंट के निवासी मेला सिंह महिच को एफआईआर में नामजद कयिा गया है। जिन्होंने ईडब्ल्यूएस श्रेणी से संबंधित लोगों को समर्पित फ्लैट खरीदे थे। छठे व्यक्ति का नाम ज्ञात नहीं हो सका।
फ्लैट गुरुग्राम के सेक्टर 47, 67 और 81 में स्थित हैं। इनका निर्माण निजी बिल्डरों एस्सेल ग्रुप, ट्यूलिप इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, यूनिटेक लिमिटेड और बेस्टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान, ऐसा लगता है कि तहसीलदार ओम प्रकाश, रूपेंद्र सिंह, ओम प्रकाश यादव, नायब तहसीलदार इंद्रजीत सिंह, तहसीलदार राम चंद्र, और जगदीश बिश्नोई जो जुलाई 2013 से फरवरी 2019 के बीच पोस्टेड थे, संपत्ति रजिस्ट्री मानदंडों का उल्लंघन करने में शामिल हैं।
सीएम फ्लाइंग स्क्वाड के डीएसपी जितेंद्र गहलावत ने कहा, ईडब्ल्यूएस संपत्तियां गरीब लोगों के लिए हैं। ऐसा प्रतीत होता है .. अधिकारियों ने अपने स्वयं के वित्तीय हितों के लिए नियमों का उल्लंघन किया है।
गहलावत ने कहा, हमने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट भी भेजी है।
सेक्टर 29 पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी विवेक कुमार ने कहा, सीएम फ्लाइंग स्क्वाड की शिकायत के बाद, हमने सेक्टर 29 पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धाराओं 420, 467, 468, 471 के तहत और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत एफआईआर दर्ज की है।
Created On :   8 Aug 2020 1:30 PM IST