केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, दिसंबर से पूरे देश में उड़ा सकेंगे ड्रोन

Flying drones fly all over the country to be legal from December 1
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, दिसंबर से पूरे देश में उड़ा सकेंगे ड्रोन
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, दिसंबर से पूरे देश में उड़ा सकेंगे ड्रोन
हाईलाइट
  • अभी सुरक्षा कारणों से डीजीसीए की तरफ से ड्रोन के नागरिक इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी है।
  • केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए देश में ड्रोन के नागरिक इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।
  • ड्रोन इस्तेमाल को लेकर एक नियमावली तैयार की है जो इस साल 1 दिसंबर से पूरे देश में लागू हो जाएगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए देश में ड्रोन के नागरिक इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) इस्तेमाल को लेकर एक नियमावली तैयार की है, जो इस साल 1 दिसंबर से पूरे देश में लागू हो जाएगी। आपको बता दें कि सुरक्षा कारणों से DGCA की तरफ से ड्रोन के नागरिक इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी है।

नए और आकर्षक प्रयोगों को मौका मिलेगा
नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने यह घोषणा करते हुए कहा कि भारत के उड्डयन इतिहास में एक ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत होने जा रही है। प्रभु ने उम्मीद जताई कि इससे कई तरह के नए और आकर्षक प्रयोगों को मौका मिलेगा और भारतीय ड्रोन इंडस्ट्री को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

क्या कहा गया है नियमावली में?
ड्रोन इस्तेमाल की नियमावली में एयरस्पेस को तीन भागों में बांटा गया है। रेड जोन, यलो जोन और ग्रीन जोन। रेड जोन में उड़ान की अनुमति नहीं है। इस जोन में एयरपोर्ट, अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर, दिल्ली का विजय चौक, राज्यों के सचिवालय और सुरक्षा से जुड़े अन्य स्थान शामिल है। यलो जोन में नियंत्रित वायु क्षेत्र आएगा। वहीं ग्रीन जोन के लिए स्वचालित अनुमति होगी। इसके अलावा ड्रोन का इस्तेमाल दिन के समय 400 फीट ऊंचाई तक सीमित रहेगा।

वजन के हिसाब ड्रोन को पांच श्रेणियों में बांटा
वजन के हिसाब से भी ड्रोन को पांच श्रेणियों में बांटा गया है। नैनो ड्रोन- 250 ग्राम, माइक्रो ड्रोन- 250 ग्राम से दो किलो, मिनी ड्रोन- दो किलो से 25 किलो, स्मॉल ड्रोन- 25 किलो से 150 किलो और लार्ज ड्रोन- 150 किलो शामिल है। ड्रोन इस्तेमाल के लिए उपयोगकर्ताओं को अपने ड्रोन, पायलट और मालिकों का पंजीकरण कराना जरूरी होगा। जिसके बाद मोबाइल एप के जरिए अनुमति लेनी होगी, अनुमति मिलने या न मिलने की जानकारी स्वचालित तरीके से तुरंत मिलेगी।

 

Created On :   27 Aug 2018 10:04 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story