पद छोड़ते ही बोले रावत, नोटबंदी से नहीं रुका चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल
- 1 दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर हो चुके हैं ओपी रावत
- पूर्व CEC ने कहा
- राजनैतिक चंदा देने वालों के पास पैसे की कमी नहीं
- रावत ने कहा
- नोटबंदी के बाद बंद नहीं हुआ पैसों का दुरुपयोग
डिजटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के पद से रिटायर होने के दो दिन बाद ओपी रावत ने नोटबंदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बड़े नोटों कों बंद करने के सरकार के निर्णय से चुनाव में कालेधन के उपयोग में कमी नहीं आई है।
पूर्व सीईसी ने कहा कि नोटबंदी ये सोचकर ही की गई थी कि इसके बाद चुनावों में पैसों का दुरुपयोग बंद हो जाएगा। नोटबंदी के बाद चुनावों के दौरान पकड़ें गए पैसों से पता चलता है कि जैसा सोचा गया था, वैसा नहीं हुआ है। पुराने चुनावों से तुलना की जाए तो राज्यों के चुनाव में इस बार ज्यादा पैसे सीज किए गए हैं।
रावत ने कहा, "नोटबंदी के बाद घटे घटनाक्रम से लगता है कि राजनीतिक वर्ग को लोगों और उन्हें चंदा देने वालों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। समान्यत: चुनाव में कालेधन का ही उपयोग किया जाता है और कोई इसकी जांच नहीं करता। बता दें कि चुनाव आयोग के प्रमुख पद से 1 दिसंबर को रिटायर होने के बाद ओपी रावत ने चुनाव में पैसों के दुरुपयोग पर बयान दिया है। रावत के बाद सुनील अरोड़ा ने 2 दिसंबर को 23वें मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभाला है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 27 नवंबर को अरोड़ा को सीईसी नियुक्त किया था। पदभार ग्रहण करते ही अरोड़ा ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सभी से सहयोग मांगा था।
Former Chief Election Commissioner OP Rawat: It seems political class and their financiers have no dearth of money. Money used in this manner, is generally black money. As far as black money used in election is concerned, there was no check on it. https://t.co/l3zrUYW265
— ANI (@ANI) December 3, 2018
Created On :   3 Dec 2018 12:44 PM IST