महंगाई और आर्थिक नीतियों को लेकर पी चिदंबरम का मोदी सरकार पर वार
- GDP दर 8.2 फीसदी से घटकर 6.7 फीसदी हो गई है।
- GST से व्यापारियों की मुश्किलें जारी हैं
- कारोबार तबाह हुआ।
- NPA
- 2 लाख 63 हजार 15 करोड़ रुपये से बढ़कर 10 लाख 30 हजार करोड़ रुपये हो गया।
- RBI सर्वे में 48% लोगों ने अर्थव्यवस्था को खराब बताया।
- नोटबंदी के कारण विकास दर 1.5% गिरी है।
- मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर बरसे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने देश में बढ़ती महंगाई और आर्थिक नीतियों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने कहा है, देश में बेरोजगारी बढ़ी है। जीएसटी से व्यापारियों को नुकसान हुआ है और उनका पूरा कारोबार तबाह हो गया है। नोटबंदी के कारण विकास दर 1.5% गिरी है। RBI सर्वे में 48% लोगों ने अर्थव्यवस्था को खराब बताया है। मुद्रास्फीति बढ़ रही है।
Inflation is on the rise. Inflation expectations are high. No more proof is necessary than the hike in the repo rate a few days ago. Interest rates will rise, throwing more burden on consumers producers: P Chidambaram, Congress. pic.twitter.com/C8XldmQRl5
— ANI (@ANI) June 11, 2018
दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा, "पेट्रोल, डीजल, LPG की कीमतों को लेकर लोगों में गुस्सा है। मोदी सरकार पेट्रोल और पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाती।" उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "चार सालों से बीजेपी सरकार तेल से होने वाली कमाई पर जिंदा रही है। अगर यह कमाई न हो तो बीजेपी सरकार का जीना मुश्किल हो जाएगा।"
There is widespread anger about artificially fixed prices of petrol, diesel LPG. There is absolutely no reason why prices should be higher today than what they were in May-June 2014. It is nothing but a case of fleecing the helpless consumer: P Chidambaram, Congress pic.twitter.com/BG5WASUHIl
— ANI (@ANI) June 11, 2018
चिदंबरम ने यह भी कहा कि मई-जून 2014 में तेल की जो कीमतें थीं, उसके मुकाबले आज कीमतें अधिक होने की कोई वजह नहीं है। फिर भी अगर मोदी सरकार चाहे तो कीमतों में 25 रुपये की कटौती कर सकती है।
If you bring petrol diesel under GST, prices will come down. BJP is in Centre and they have governments in most of the states. Why are they blaming states? They have a majority they should do it: P Chidambaram, Congress pic.twitter.com/zdmiehnVvx
— ANI (@ANI) June 11, 2018
पी चिदंबरम ने कहा विकास दर में 1.5 फीसदी कमी आई है। जीएसटी के कारण कारोबारियों को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा है, "तमिलनाडु सरकार ने माना है कि 50 हजार एसएमई इकाइयां बंद हो गई हैं। मई 2018 का RBI का कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे बताता है कि 48 फीसदी लोग मानते हैं कि देश की आर्थिक स्थिति खराब हुई है।"
1. On the day after the Central Statistics Office (CSO) released the growth numbers for 2017-18, the media played up just one number: 7.7 per cent.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 10, 2018
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, "चार साल की सरकार में NPA बढ़ा है। नोटबंदी की वजह से विकास दर 1.5% गिर गई है। GDP दर 8.2 फीसदी से घटकर 6.7 फीसदी हो गई है। तो वहीं NPA दो लाख 63 हजार 15 करोड़ रुपये से बढ़कर 10 लाख 30 हजार करोड़ रुपये हो गया है। बैंकिंग प्रणाली दिवालिया हो गई है।"
Point 8. Gross NPAs have risen in the last four years from Rs 2,63,000 crore to Rs 10,30,000 crore and will rise more. No bank is willing to lend a big-ticket loan. Credit growth to industry in the last four years was 5.6, 2.7, -1.9 and 0.7 per cent.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 11, 2018
उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में पांच लाख लोग बेरोजगार हुए हैं। देश भर के विश्वविद्यालयों में खलबली मची हुई है, क्योंकि युवाओं को स्नातक के बाद भी कोई नौकरियां नहीं होंगी। अब तक किसी ने भी उस नए विचार को नहीं अपनाया है कि पकौड़ा तलना भी एक नौकरी है। सरकार ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार की बात कही थी, लेकिन लेबर ब्यूरो के अक्टूबर-दिसंबर 2017 के आंकड़े जारी क्यों नहीं किए गए ?
Created On :   11 Jun 2018 12:23 PM IST