MP Politics: मप्र कांग्रेस में पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने फिर खोला मोर्चा, कमलनाथ पर कसा तंज

Former MP Umang Singhar again opened front in MP Congress
MP Politics: मप्र कांग्रेस में पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने फिर खोला मोर्चा, कमलनाथ पर कसा तंज
MP Politics: मप्र कांग्रेस में पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने फिर खोला मोर्चा, कमलनाथ पर कसा तंज
हाईलाइट
  • मप्र कांग्रेस में पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने फिर मोर्चा खोला

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने के बाद जहां पार्टी के नेताओं में भगदड़ मची हुई है, वहीं पार्टी के भीतर ही कई नेता सवाल उठा रहे हैं। पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार ने तो खुलकर हमला बोल दिया है। उन्होंने इशारों-इशारों में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज कसा है।

राज्य के पूर्व वन मंत्री सिंघार की पहचान पार्टी के भीतर ही बड़े नेताओं से टकराने में हिचक न दिखाने वाले नेताओं में रही है। जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोल दिया था। सिंह को तो उन्होंने शराब माफियाओं का संरक्षणदाता तक कह दिया था। सिंघार के हमलों के बाद पार्टी को बचाव की मुद्रा में आना पड़ा था, मामला पार्टी हाईकमान तक गया था।

अब सिंघार ने एक बार फिर अपने मिजाज तल्ख किए हैं और हमलावर की मुद्रा में खुलकर सामने आए हैं। बीते दो दिनों में उन्होंने जो ट्वीट किए हैं, वे पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक न होने की तरफ इशारा करते हैं। उन्होंने लिखा है, आज का वक्त खुद को नेता बनाने का नहीं, पार्टी और संगठन को मजबूत करने का वक्त है।

सिंघार के इस बयान को कमल नाथ को प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से जोड़ा जा रहा है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मसानी को प्रदेश इकाई का उपाध्यक्ष और विधानसभा उपचुनाव के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर भी तंज कसा है।

उमंग सिंघार ने कहा है, साले जी, आप तो धर्म की लड़ाई लड़ने कांग्रेस में आ गए, मगर आपके जीजाजी अधर्मियों के बीच फंसे हुऐ हैं (जैसे शोले पिक्चर के बगैर हाथ वाले ठाकुर साब) क्या उन्हें भी कांग्रेस में लाएंगे?

पूर्व मंत्री के ट्वीट से कांग्रेस में एक बार फिर तनाव बढ़ चला है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि वर्तमान दौर में लोकतंत्र को बचाने की चुनौती है। लिहाजा, कार्यकर्ता हो या आम नागरिक, सभी को इसके लिए आगे आना चाहिए। भाजपा खरीद-फरोख्त की राजनीति में लगी है, इसलिए जरूरी है कि अपने हितों को त्यागकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम करना चाहिए।

राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटेरिया का कहना है कि उमंग सिंघार अपनी बुआ जमुना देवी की शैली के संवाहक हैं और अपनी बात बिना लाग-लपेट के कहते हैं। इसका उन्हें कई बार नुकसान भी उठाना पड़ा है। सिंघार ने जो कहा है वह काफी हद तक सही भी है, क्योंकि कांग्रेस बड़े नेताओं के इर्दगिर्द ही सिमट कर रह गई है। इसी के चलते विधायकों में छटपटाहट है। कांग्रेस को बड़े नेताओं के बीच से निकालकर कार्यकर्ता तक ले जाना होगा, नहीं तो कांग्रेस प्रतीकात्मक होकर रह जाएगी।

ज्ञात हो कि राज्य कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है। राज्य में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में अब तक 24 तत्कालीन विधायक शामिल हो चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया के साथ 22 तत्कालीन विधायकों ने एक साथ सदस्यता से इस्तीफा दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे, जिससे कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। उसके बाद प्रद्युम्न सिंह लोधी और फिर सुमित्रा देवी ने भाजपा की सदस्यता ली है। इस तरह राज्य में आगामी समय में 26 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने वाले हैं। 24 वे सीटें हैं, जहां के विधायकों ने सदस्यता छोड़कर भाजपा का दामन थामा है, वहीं दो विधायकों के निधन से स्थान रिक्त हुए हैं।

 

Created On :   18 July 2020 10:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story