भारत में फिर लौट सकती है पोलियो की बीमारी, UP और महाराष्ट्र में अलर्ट जारी
- उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में अलर्ट जारी
- ओरल पोलियो वैक्सीन में मिले टाइप-2 पोलियो वायरस
- गाजियाबाद की कंपनी द्वारा बनाई जाती है पोलियो वैक्सीन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 27 मार्च 2014 यानी की आज से ठीक 4 साल पहले भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था। पोलियो भारत में फैली एक ऐसी बीमारी थी जिससे निपटने के लिए भारत सरकार ने हर संभव प्रयास किया। पोलियो से मुक्ति में भारत को कायमाबी भी मिली, लेकिन एक बार फिर पोलिया ने भारत में दस्तक दी है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित मेडिकल कंपनी बायॉमेड द्वारा बनाई गई ओरल पोलियो वैक्सीन में टाइप-2 पोलियो वायरस पाए गए हैं।
बता दें कि भारत में पोलियो का आखिरी मामला 16 जनवरी, 2011 को पश्चिम बंगाल में सामने आया था। उसके बाद लगातार तीन साल तक कोई केस सामने नहीं आया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 1980 के दशक तक देश में पोलियो के 40 हजार मामले सामने आए थे। वहीं 2002 में अकेले उत्तर प्रदेश में दुनिया भर के दो तिहाई मामले सामने आए। जहां एक बार फिर पोलियो बीमारी के आने की पूरी संभावना बन रही है। इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय और संबंधित विभागों ने इसका हल निकालने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। गाजियाबाद की कंपनी द्वारा बनाई गई पोलियो वैक्सीन महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश में सप्लाई की जाती है। जिसके चलते दोनों राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मल में पाए गए थे वायरस
यूपी सरकार द्वारा चलाए जा रहे पोलियो वैक्सिनेशन अभियान के लिए बायॉमेड कंपनी वैक्सीन की सप्लाई कर रही थी, लेकिन जब उत्तर प्रदेश के कुछ बच्चों के मल में इस वायरस के लक्षण पाए गए तो इन सैंपल्स को जांच के लिए भेजा गया था। जांच में यह पुष्टि हुई थी कि सैंपल में टाइप-2 पोलियो वायरस मौजूद हैं।
बायॉमेड के खिलाफ FIR
जांच में पुष्टि होने के बाद बायॉमेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई और इसके मैनेजिंग डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अगले आदेश तक बायॉमेड को किसी भी दवाई के निर्माण, बिक्री या वितरण पर रोक लगा दी है।
पाकिस्तान सबसे संवेदनशील
अमेरिका ने जहां 1991 में पोलियो को अपने देश से दूर भगाया वहीं यूरोप 1998 तक पोलियो मुक्त हो गया। 2011 में दुनिया भर में पोलियो के कुल 44 मामले सामने आए थे, जिनमें से ज्यादातर मामले पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में पाए गए थे, लेकिन भारत में एक भी मामला सामने नहीं आया। बता दें कि पोलियो को लेकर अभी भी भारत का पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान सबसे ज्यादा संवेदनशील है।
टाइप-2 को नष्ट करने के आदेश
यूपी सरकार ने आदेश दिए हैं कि इस बात की जांच की जाए कि जब सभी कंपनियों को यह आदेश दिया गया था कि 25 अप्रैल 2016 तक पोलियो टाइप 2 वायरस को नष्ट कर दिया जाए तो यह बचा कैसे रह गया। एक अधिकारी ने बताया, "सभी को निर्देश दिए गए थे कि जिसमें टाइप 2 वायरस हों उस ओरल पोलियो वैक्सीन को नष्ट कर दिया जाए।" गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर इस वायरस के खात्मे के बाद टाइप-2 का निर्माण बंद कर दिया गया था।
Created On :   29 Sept 2018 8:15 AM IST