100 बड़े कांट्रेक्टर तैयार करने के मिशन में जुटे गडकरी, दुनिया में नंबर वन बनने का प्लान
- 100 बड़े कांट्रेक्टर तैयार करने के मिशन में जुटे गडकरी
- दुनिया में नंबर वन बनने का प्लान
नई दिल्ली, 2 नवंबर(आईएएनएस)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एक बड़े मिशन में जुट गए हैं। यह मिशन है हिंदुस्तान में वल्र्ड क्लास के सौ बड़े टनलिंग कांट्रेक्टर और कंसल्टेंट तैयार करने का। इन कांट्रेक्टर और कंसल्टेंट के जरिए हिंदुस्तान को दुनिया में टनल निर्माण का नंबर वन एक्सपर्ट देश बनाने की तैयारी है। नितिन गडकरी के मुताबिक यह कार्य कठिन जरूर है मगर असंभव नहीं। इससे हिंदुस्तान पूरी दुनिया में टनल निर्माण के मार्केट पर कब्जा कर सकता है। नितिन गडकरी इस अभियान को एक बड़ा मिशन मानते हैं। अच्छे ट्रैक रिकार्ड वाले कांट्रेक्टर को बढ़ावा देने के लिए शर्तों में ढील जैसे कई उपाय भी मंत्रालय में शुरू हुए हैं।
एशिया की सबसे लंबी जोजिला टनल का निर्माण शुरू होने के बाद से उत्साहित केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि आने वाले वक्त में एक लाख करोड़ से अधिक के काम एनएचएआई को मिलने वाला है। देश में करीब 235 किलोमीटर टनल का निर्माण अभी होना है। टनल निर्माण एक बड़ी इंडस्ट्री के तौर पर देश ही नहीं दुनिया में उभर रही है।
गडकरी ने एसोचैम के प्रतिनिधियों से बीते 31 अक्टूबर को वार्ता के दौरान अपने खास प्लान को साझा किया था। उन्होंने कहा था, मैं अच्छा काम करने वाले हिंदुस्तान के सौ वल्र्ड क्लास के टनलिंग कांट्रेक्टर बनाना चाहता हूं। जो सिर्फ नेपाल, भूटान और बांग्लादेश में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाएं और वहां कम लागत में टनल बनाकर दिखाएं। इससे हिंदुस्तान टनल निर्माण सेक्टर में वल्र्ड के मार्केट को कैप्चर कर सकता है। मेरा यह मिशन कठिन है लेकिन असंभव नहीं है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि भारत में अपार इंजीनियरिंग टैलेंट हैं। साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी में भी भारत अव्वल है। सबसे खास बात है कि भारत में बेहतर सुरक्षा उपायों का ध्यान रखते हुए भी कम लागत में टनल निर्माण होता है। तमाम खर्चें अन्य देशों के मुकाबले कम हैं। ऐसे में वल्र्ड की बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाने हुए हिंदुस्तान, दुनिया का नंबर वन एक्सपर्ट देश बन सकता है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने कार्यकाल में कांट्रेक्टर की शर्तों में ढील देकर बड़े लोगों और कंपनियों का वर्चस्व तोड़ने की भी कोशिश की है। ताकि अच्छा काम करने वाले नए कांट्रेक्टर को बढ़ावा मिल सके। पहले टेक्निकल और फाइनेंशियल क्वालिफिकेशन ऐसी होतीं थीं कि उससे बड़ी कंपनियों को ही टेंडर में फायदा पहुंचता था। मगर शर्तों में ढील से अब सभी के लिए रास्ते खुले हैं। जिससे सभी कांट्रेक्टर को आगे बढ़ने के मौके मिल रहे हैं।
एनएनएम-एसकेपी
Created On :   2 Nov 2020 2:01 PM IST