गोरखालैंड आंदोलन : झड़पें जारी, 1 अगस्त तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी

Gorkhaland movement continue till August 1
गोरखालैंड आंदोलन : झड़पें जारी, 1 अगस्त तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
गोरखालैंड आंदोलन : झड़पें जारी, 1 अगस्त तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी

डिजिटल डेस्क, दार्जिलिंग। दार्जिलिंग में गोरखालैंड समर्थक आंदोलनकारियों की पुलिस से झड़पें जारी है। कल रात से शुरू हुए ताजा संघर्ष के बाद जहां सड़कों पर पुलिस दल की गश्ती बढ़ गई है। वहीं आंदोलनकारियों का कहना है कि यदि मांगे पूरी नहीं होती है तो वे अगस्त तक आंदोलन जारी रखेंगे। गौरतलब है कि अनिश्चितकालीन बंद का मंगलवार 34वां दिन है। यहां पिछले 1 महीने से जनजीवन पूरी तरह बाधित रहा है।

आंदोलनकारियों की पुलिस से झड़प

ताजा संघर्ष कल रात मिरिक इलाके में हुआ जब गोरखालैंड के समर्थक पुलिस से भिड़ गए। उन्होंने दो पुलिस वाहनों और एक पुलिस चौकी में आगजनी भी की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मिरिक उप संभाग में गोरखालैंड समर्थकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी और पुलिस पर पेट्रोल बम और शीशे की बोतलें फेंकीं। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने उनपर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने आरोप लगाया है कि कल रात मिरिक में पुलिस की गोलीबारी में उसके एक समर्थक अशोक तमांग की मौत हो गई और एक दूसरा व्यक्ति घायल हो गया। हालांकि पुलिस ने आरोप से इनकार किया है। जीजेएम ने मिरिक में तमांग के शव के साथ रैली भी निकाली।

1 अगस्त को दिल्ली में बैठक

जीजेएम कार्यकर्ताओं और दूसरे स्थानीय दलों ने अलग राज्य की मांग को लेकर यहां जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय के बाहर धरना दिया। भारतीय गोरखा परिसंघ के अध्यक्ष और गोरखालैंड आंदोलन समन्वय समिति के सदस्य सखमन मोक्तन ने कहा, 'हमने बंद जारी रखने का फैसला किया है क्योंकि दार्जिलिंग पहाड़ियों के लोगों की मांग है कि जब तक गोरखालैंड का गठन नहीं हो जाता है तब तक आंदोलन में कोई ढील नहीं दी जाएगी।'

मोक्तन ने कहा, 'हम अपनी अगली बैठक एक अगस्त को नई दिल्ली में करेंगे। हम बैठक के बाद केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे और गोरखालैंड की अपनी मांग पर जोर देंगे।' मोक्तन ने कहा, 'हम सिक्किम के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मिलेंगे और अपने लिए समर्थन मांगेंगे। हमने यह फैसला भी किया है कि मिलने का समय दिए जाने पर हम पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से मिलेंगे और राज्य पुलिस द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघनों की शिकायत करेंगे।'

बाजार अब भी बंद

सेना अब भी दार्जिलिंग, कलीमपोंग और सोनदा में चौकसी बरत रही है। अर्द्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों ने सड़कों पर गश्ती भी की। दवा की दुकानों को छोड़कर, अन्य सभी दुकानें, रेस्त्रां, होटल, स्कूल और कॉलेज बंद रहे। पिछले 31 दिनों से यहां इंटरनेट सेवा भी बंद है। बंद के कारण खाद्य पदार्थों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।

Created On :   18 July 2017 6:44 PM GMT

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