सरकार ने दी मंजूरी, सुप्रीम कोर्ट में जज बनेंगे जस्टिस केएम जोसेफ
- अप्रैल में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्र लिखा था।
- जस्टिस जोसेफ और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदू मल्होत्रा का नाम सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को भेजा था।
- सरकार एक बार जस्टिस जोसेफ का नाम वापस कर चुकी है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जजों की नियुक्ति को लेकर कई दिनों से जारी विवाद केंद्र सरकार के फैसले के बाद खत्म होता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की मांग स्वीकार करते हुए सरकार ने जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाए जाने की मंजूरी दे दी है। सरकार एक बार जस्टिस जोसेफ का नाम वापस कर चुकी है। नाम लौटाने के बाद नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच खींचतान चल रही थी। सरकार ने कॉलेजियम की जो सिफारिश मानी है, उसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ सुप्रीम कोर्ट के जज बन जाएंगे। जस्टिस जोसेफ और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदू मल्होत्रा का नाम सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को भेजा था। इंदू मल्होत्रा के नाम पर सहमति जताकर सरकार ने जस्टिस जोसेफ का नाम 26 अप्रैल को वापस कर दिया था।
सरकार के पास नहीं था कोई विकल्प
अप्रैल में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्र लिखा था। पत्र में प्रसाद ने जस्टिस जोसेफ के नाम पर कुछ कारणों की वजह से फिर विचार करने को कहा था। कानून के जानकारों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस जोसेफ का नाम दोबारा भेजा था, इसलिए सरकार के पास सहमति देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। सरकार दलील दे रही थी कि जोसेफ केरल हाईकोर्ट में रहे हैं। केरल हाईकोर्ट से आने वाले एक जज पहले ही सुप्रीम कोर्ट में हैं। सुप्रीम कोर्ट में झारखंड, राजस्थान, गुजरात और कलकत्ता जैसे कई हाईकोर्ट से कोई जज नहीं है। इस समय 4 हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केरल से हैं। अनुसूचित जाति/जनजाति का सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल कोई जज नहीं है। जून महीने में 60 साल के हुए जस्टिस जोसेफ जुलाई 2014 से उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं। केरल हाईकोर्ट में जोसेफ को 14 अक्टूबर 2004 को स्थाई न्यायाधीश बनाया गया था।
जोसेफ से ऊपर था 11 जजों का नाम
कॉलेजियम के पास जस्टिस केएम जोसेफ की सिफारिश वापस भेजते हुए सरकार ने लिखा था कि हाईकोर्ट के 11 जस्टिस इस समय जोसेफ से वरिष्ठ हैं। वरिष्ठता सूची में जोसेफ 42वें नंबर पर हैं। इन बातों को दरकिनार करते हुए उनके नाम की सिफारिश भेजी गई। ओडिशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनीत सरन और मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने की मांग भी स्वीकार कर ली गई है। सभी जजों की नियुक्ति के लिए प्रेसिडेंशियल वारंट की जरूरी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
Created On :   3 Aug 2018 10:03 AM IST