अब भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति जब्त करेगी सरकार

Government will seize properties of corrupt public servants in maharashtra
अब भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति जब्त करेगी सरकार
अब भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति जब्त करेगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अपने पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की अब खैर नहीं। ऐसे लोकसेवकों की संपत्ति को सरकार जब्त कर लेगी। कोर्ट से निर्दोष साबित होने तक संबंधित लोकसेवक उस संपत्ति का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। इसके लिए विधानमंडल के बीते बजट सत्र के दौरान विधानसभा में विधेयक पेश किया गया।

जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के भ्रष्ट कामकाज पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम में संशोधन का फैसला लिया है। इसके लिए राज्य के गृह राज्यमंत्री डॉ. रणजीत पाटिल ने पिछले दिनों विधानसभा में यह संशोधन विधेयक पेश किया। अभी तक लोकसेवकों के रिश्वत लेते पकड़े जाने पर तकनीकी रुप से उनकी संपत्ति सरकार अटैच करती है। लेकिन इस दौरान आरोपी उसका इस्तेमाल कर सकता है। पर कानून में संशोधन के बाद इस तरह की सारी संपत्तियों को सरकार जब्त कर अपने कब्जे में ले लेगी।

गृह राज्यमंत्री डॉ. पाटील ने बताया कि आय के ज्ञात स्त्रोत से 50 फीसदी अथवा 10 लाख रुपए अधिक होने पर सरकार लोकसेवकों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई कर सकेगी। यह कार्रवाई गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व संबंधित विभाग के सचिव की सदस्यता वाली समिति की रिपोर्ट के आधार की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि कानून में संशोधन से लोकसेवकों की परिभाषा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इस विधेयक पर विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि आईएएस व आईपीएस भी लोकसेवक की श्रेणी में आते हैं। इस लिए सरकारी अधिकारियों की समिति में लोकायुक्त को भी शामिल किया जाए। चव्हाण ने यह सवाल भी उठाया था कि भ्रष्टाचार के आरोपी लोकसेवक के पास से नकद रुपए मिलने पर उसे कहां सुरक्षित रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस  कानून की दहशत होनी चाहिए। भाजपा विधायक आशिष शेलार ने भी विधेयक के कुछ बिंदुओं पर एतराज जताया। हालांकि अभी तक यह विधेयक पारित नहीं हो सका है। विधानमंडल के अगले अधिवेशन में भी इस पर चर्चा होगी।

लोकसेवक कौन?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा लोकसेवकों की जो व्याख्या दी गई है, उसके अनुसार ग्रामसेवक-तलाठी से लेकर आईएएस, आईपीएस अधिकारी और ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर जिला परिषद सदस्य, नगरसेवक, विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री लोकसेवक की श्रेणी में आते हैं।

Created On :   31 March 2018 10:53 PM IST

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