राजस्थान के राज्यपाल अपने आका की ही बात सुनते हैं: कांग्रेस

Governor of Rajasthan listens only to his mentor: Congress
राजस्थान के राज्यपाल अपने आका की ही बात सुनते हैं: कांग्रेस
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नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच, कांग्रेस ने रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्रा पर दबाव बनाने और पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि वह केंद्र से आ रहे अपने आका के बयान को हूबहू पढ़ रहे हैं।

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा, राज्यपाल को राज्य सरकार (मंत्रियों की परिषद) की सहायता और सलाह के साथ काम करना होता है, लेकिन वह केंद्र सरकार के अपने आका की ही बात सुन रहे हैं।

कांग्रेस राज्यपाल के रवैये को लेकर भड़की हुई है। सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेसी विधायकों की बगावत के मद्देनजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का राज्यपाल से आग्रह कर रहे हैं, जिसे अब तक राज्यपाल ने स्वीकार नहीं किया है।

राज्यपाल ने शुक्रवार को कहा था कि कोई भी संवैधानिक सदाचार से ऊपर नहीं है।

सिंघवी ने कहा, संवैधानिक अथॉरिटीज- चाहे वे राज्यपाल हों, अदालतें हों या केंद्र सरकार हों - वे न केवल अपनी संवैधानिक भूमिकाओं और सीमाओं को जानते हैं, बल्कि उनका काम इनका पालन करना भी है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील ने कहा कि इस मुद्दे पर राजस्थान उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों का राज्य में विधानसभा सत्र बुलाने से कोई लेना-देना नहीं है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, क्या यह सराहनीय है कि किसी भी राज्यपाल को फ्लोर टेस्ट के आयोजन से इनकार या देरी करनी चाहिए, जो सही मायने में यह निर्धारित करता है कि किसके पास कितनी संख्या है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने इस मामले के समर्थन में कई कानूनी मामलों का हवाला भी दिया और कहा कि सरकार के पास संविधान सभा में बहस के अलावा विधानसभा सत्र बुलाने की शक्ति है।

Created On :   26 July 2020 11:30 AM GMT

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