वीडियो प्रदर्शन पर प्रतिबंध के बावजूद न्यूयॉर्क में अयोध्या मंदिर के लिए दिखा भव्य जश्न

Grand celebrations for Ayodhya temple in New York despite video display ban
वीडियो प्रदर्शन पर प्रतिबंध के बावजूद न्यूयॉर्क में अयोध्या मंदिर के लिए दिखा भव्य जश्न
वीडियो प्रदर्शन पर प्रतिबंध के बावजूद न्यूयॉर्क में अयोध्या मंदिर के लिए दिखा भव्य जश्न

न्यूयॉर्क, 6 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिका में न्यूयॉर्क के प्रख्यात टाइम्स स्क्वायर पर मुस्लिम संगठनों की आपत्ति के बाद राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम को भले ही वीडियो डिस्प्ले नहीं किया जा सका, मगर न्यूयॉर्क शहर में हिंदुओं और श्री राम के समर्थकों ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए आधारशिला रखने का भरपूर जश्न मनाया।

बुधवार शाम को लगभग 1,000 लोग जश्न मनाते और भजन गाते हुए टाइम्स स्क्वायर पर एकत्रित हुए तो सारा माहौल भक्तिमय हो गया। इस दौरान लोगों ने साथ ही भीड़भाड़ वाले स्थान पर ट्रैफिक को संभालने का काम भी किया।

दरअसल प्रख्यात टाइम्स स्क्वायर पर राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के दिन भगवान राम की तस्वीरों और अन्य संबंधित कन्टेंट का विज्ञापन के रूप में डिस्प्ले किया जाना था, मगर एक मुस्लिम समूह द्वारा इसे राजनैतिक करार देते हुए इसका विरोध करने के बाद यह प्रदर्शन नहीं किया जा सका।

हालांकि जहां से राम जन्मभूमिक का वीडियो दिखाया जाना था, वहां कश्मीर घेराबंदी दिवस की घोषणा करने वाला एक वीडियो डिस्प्ले किया गया।

समारोह का आयोजन राम जन्म भूमि शिलान्यास समारोह कमेटी ऑफ यूएसए (आरजेबीएससीसी) द्वारा किया गया।

प्रतिभागियों ने टाइम्स स्क्वायर में जय श्री राम के नारे के साथ मिठाई बांटी।

इसका विरोध जताने के लिए खालिस्तानियों और पाकिस्तानियों का एक समूह कुछ ही दूरी पर खड़ा था। इनके साथ दक्षिण एशियाई सॉलिडेरिटी इनिशिएटिव और भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद (आईएएमसी) के प्रदर्शनकारी भी थे।

इनमें से कुछ लोग में अश्लील शब्द लिखे हुए प्लेकार्डस लिए हुए थे और यह लोगों द्वारा मनाए जा रहे उत्सव के करीब चले गए। हालांकि पुलिस ने एहतियात बरतते हुए उन्हें वहां से अलग कर दिया।

आरजेबीएससीसी के अध्यक्ष जगदीश सेवानी ने आईएएनएस को बताया, हम पवित्र मंदिर के निर्माण की शुरूआत के ऐतिहासिक अवसर का जश्न मनाने के लिए टाइम्स स्क्वायर आए हैं। हम डिस्प्ले कार्यक्रम को बंद किए जाने से परेशान नहीं हैं, क्योंकि हम खुशी से भरे हैं। पवित्र भूमि पर एक मंदिर का निर्माण एक वास्तविकता बनता जा रहा है। वे जो करते हैं, उसका हमारे लिए कोई मतलब नहीं है।

उन्होंने कहा कि सुबह कई घंटों तक डिस्प्ले चलाने के बाद इसे बंद कर दिया गया, क्योंकि मुस्लिम समूहों ने यह कहते हुए विरोध किया कि वे राजनीतिक विज्ञापन की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि डिस्प्ले में कोई राजनीतिक संदेश नहीं था और यह विशुद्ध रूप से आध्यात्मिक था।

Created On :   6 Aug 2020 10:30 PM IST

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