IISF के उद्घाटन सत्र में बोले राष्ट्रपति कोविंद- खुश हूं कि रिसर्च के लिए वैज्ञानिक भारत वापस आ रहे हैं
- इस दौरान राष्ट्रपति के साथ यूपी के राज्यपाल राम नाईक
- सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
- राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों के देश लौटने से उन्हें खुशी हुई है।
- राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को लखनऊ में चार दिवसीय इंडिया IISF 2018 की शुरुआत की।
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को लखनऊ में चार दिवसीय इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2018 की शुरुआत की। इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों के देश लौटने से उन्हें खुशी हुई है। इस दौरान राष्ट्रपति के साथ यूपी के राज्यपाल राम नाईक, केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, सीएम योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।
रामनाथ कोविंद ने कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि पिछले पांच साल में 649 भारतीय वैज्ञानिक विदेश से अपने घर (भारत) वापस आए हैं। मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्हें भारत में अवसर दिखा और वह वापस लौट आए। जबकि 2007-2012 के बीच यह संख्या 243 थी। पिछले पांच साल में यह संख्या बढ़ी है और भारतीय वैज्ञानिकों को भारत में अवसर दिखने लगे हैं।"
राष्ट्रपति ने कहा, "जुगाड़, कट पेस्ट एक्सपेरिमेंट और फ्रुगल इनोवेशन की भारत के विकास में अहम भूमिका है। फिर भी, अगर हम भारत को मिडिल इनकम अर्थव्यवस्था और उन्नत औद्योगिक शक्ति के रूप में बदलना चाहते हैं, तो हमें भारतीय युवाओं के ज्ञान निर्माण के लिए काम करना होगा।"
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "2017 में भारत में स्टार्ट अप करने वालों की संख्या और पेटेंट आवेदन करने वालों की संख्या बढ़कर 909 हो गई है। 2016 में यही संख्या 61 थी। इसका मतलब है कि 2016 से 2017 के बीच में यह संख्या 15 गुना बढ़ी है। भारत आने वाले समय में रीसर्च ऐंड डिवेलपमेंट (RD) पर 83.27 बिलियन यूएस डॉलर निवेश करेगा। भारत सरकार का यह निश्चित तौर पर प्रशंसनीय कदम है।"
इस अवसर पर यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को वहां आने के लिए धन्यवाद दिया। राम नाईक ने कहा, "मैंने डॉ. हर्षवर्धन से पूछा था आपके अनुसार कितने वैज्ञानिक और कितने छात्र-छात्राएं यहां आए हैं? उन्होंने जवाब दिया कि मेरे गणना के हिसाब से 12 हजार लोग ने इस कार्यक्रम के लिए रजिशट्रेशन किया है और वह सब के सब यहां आए हैं। मुझे लगता है कि यह कार्यक्रम भारत के वैज्ञानिकों का महाकुंभ जैसा है।"
Created On :   6 Oct 2018 11:49 PM IST