हाथरस कांड : उप्र महिला आयोग डीएम और एसएसपी को भेज रहा पत्र
- हाथरस कांड : उप्र महिला आयोग डीएम और एसएसपी को भेज रहा पत्र
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म और बर्बरता का शिकार हुई 19 साल की युवती की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद यूपी पुलिस द्वारा उसके शव का दाह संस्कार देर रात अंधेरे में परिवार की मौजूदगी के बिना किए जाने पर पूरे देश में आक्रोश फैला गया है। इस मसले पर उत्तर प्रदेश महिला आयोग हाथरस के डीएम और एसएसपी को एक पत्र भेज रहा है, जिसमें उनसे इस पर जवाब मांगा जाएगा कि आखिर देर रात में अंतिम संस्कार क्यों कर दिया गया?
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने आईएएनएस से बात करते हुए, इस घटना पर दुख जताया, वहीं आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, हाथरस की लड़की के साथ जो हुआ वो हैवानियत से भरा था। जिसको सोचकर रूह कांप जाती है। देश के लिए शर्मशार कर देने वाली घटना, दानवता की सारी हदें पार कर दी गईं। वहीं इस तरह की घटना सोचने का भी विषय है।
उन्होंने आगे कहा, हम दो तरह से इन घटनाओं पर काबू पा सकते हैं। पहला, मां-बाप अपने बच्चों को अच्छे संस्कार, शिक्षा प्रदान करें और मानवता की बात सिखाएं। इससे भविष्य में बहुत फर्क पड़ेगा। हालांकि शहरों में मांएं दफ्तर जाने की वजह से काफी व्यस्त हो जाती हैं, जिस कारण सही शिक्षा बच्चों तक नहीं पहुंच पा रही हैं।
हालांकि कानून बहुत बन चुके हैं, लेकिन जल्द इम्प्लीमेंटेशन नहीं हो रहे। इस वजह से आरोपियों में भय नहीं है। कानून सख्त हो तो आरोपियों में भय हो, इस तरह की घटना करने वालों को 6 महीने के अंदर फांसी की सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसा करने के बारे में कोई सोच न सके। इस घटना में आरोपियों को फांसी की सजा हो और फास्टट्रैक कोर्ट में मुकदमा चले।
क्या इस घटना में लापरवाही बरती गई? इस सवाल के जवाब में विमला बाथम ने कहा, अलीगढ़ अस्पताल की जगह सफदरजंग अस्पताल उसी वक्त शिफ्ट कर दिया जाता, तो शायद लड़की की हालत में सुधार होता और वह बच जाती, शुरुआती समय में लापरवाही हुई, उसी वक्त ढंग से जांच होनी चाहिए थी।
क्या दलित होने की वजह से लापरवाही बरती गई? इस सवाल पर विमला बाथम ने कहा, ऊंची जात और निचली जात का कोई मुद्दा नहीं था, इस घटना में कोई जातिवाद नहीं हुआ।
रात में दाह संस्कार किए जाने के मामले पर उन्होंने कहा, बहुत गलत हुआ, हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार दिन में होता है, ये जांच का विषय है कि चुपचाप क्यों करना पड़ा, आखिरकार अंतिम संस्कार करने पर परिवार का अधिकार होता है, इसके लिए जो भी चिन्हित किए जाएंगे, उनको सजा मिलेगी।
क्या आलाकमान के कहने पर रात में अंतिम संस्कार किया गया? इस सवाल के जवाब में विमला ने कहा, रात में अंतिम संस्कार करने का आदेश हो सकता है, पुलिस विभाग ने दिया हो, लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से इस तरह का आदेश आए, ऐसा हो ही नहीं सकता।
विपक्षी पार्टियों को हाथरस नहीं जाने दिया जा रहा है, इसपर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर विमला ने कहा, राजनीतिक लोग राजनीति की बात करते हैं, राजनीति उस बेटी के दर्द को दबा देगी, क्योंकि राजनीति हावी हो जाती है और दर्द पीछे छूट जाता है।
उन्होंने कहा, हमारी तरफ से हाथरस के डीएम और एसएसपी को आज नोटिस भेजा जा रहा है, जिसमें हमने उनसे कारण पूछा है कि रात में अंतिम संस्कार क्यों और कैसे हुआ?
पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें भविष्य में अपनी जान को खतरा है। इस पर आप क्या मांग करती हैं? इस सवाल पर विमला ने कहा, हम मुख्यमंत्री से यही मांग करते हैं कि पीड़ित परिजनों को सुरक्षा मिले, ताकि परिवार के सदस्यों को कुछ न हो।
क्या परिजनों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा से ऐसे मामले रुकेंगे? इस सवाल के जवाब में विमला ने कहा, बलरामपुर में भी इसी तरह की घटना हुई, मुआवजा इसका अंत नहीं है। इससे परिजनों का दुख कम नहीं होता।
एमएसके/एसजीके
Created On :   1 Oct 2020 7:31 PM IST