बयान पर कुमारस्वामी की सफाई, कृपा पर हूं का मतलब जनता का अनादर नहीं

HDKs meets with Modi in disagreement with Congress
बयान पर कुमारस्वामी की सफाई, कृपा पर हूं का मतलब जनता का अनादर नहीं
बयान पर कुमारस्वामी की सफाई, कृपा पर हूं का मतलब जनता का अनादर नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में बड़े सियासी ड्रामे के बाद कांग्रेस के समर्थन से जनता दल सेक्युलर के एचडी कुमारस्वामी ने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ तो ले ली, लेकिन उनकी कैबिनेट का स्वरूप अब तक तय नहीं हो पाया है। शपथ ग्रहण के 6 दिन बाद भी इस मामले पर विचार-विमर्श का दौर जारी है। कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी सोमवार को दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। सुबह दिल्ली पहुंचकर कुमारस्वामी ने सबसे पहले महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के शहर में नहीं होने की वजह से कुमारस्वामी ने कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में अनेक कयास लगाए जाने लगे हैं। जिनसे कांग्रेसी नेता परेशान हो गए हैं। 
 

इस सूरत में दे देंगे इस्तीफा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने संवाददाताओं से बातचीत में जनता से किए वादे पूरे नहीं कर पाने की स्थिति में इस्तीफा देने के संकेत दिए हैं। कुमारस्वामी ने कहा, कर्नाटक में मेरी स्वतंत्र सरकार नहीं है। कांग्रेस नेताओं की "अहसान" से सीएम बना हूं। इसलिए फैसले लेने के लिए कांग्रेस पर निर्भर हूं। अगर जल्द ही किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ, तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। जेडीएस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि वह सत्ता में आने के 24 घंटे के अंदर सार्वजनिक उपक्रमों और सहकारी बैंकों से लिये गए कर्ज समेत सभी तरह के कृषि ऋण माफ कर देगी, लेकिन, सत्ता में सहयोगी कांग्रेस से इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से अब तक ऐसा नहीं किया जा सका है।

विभाग बंटवारे पर खत्म नहीं हुईं असहमतियां 


कांग्रेस और जद(एस) के बीच वित्त, गृह, लोक निर्माण विभाग और ऊर्जा, सिंचाई और शहरी विकास जैसे प्रमुख विभागों को लेकर खींचतान चल रही है। जद (एस) नेता एवं मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कल स्वीकार किया था कि गठबंधन साझेदार के साथ विभागों के बंटवारे को लेकर कुछ "मुद्दे" हैं। 23 मई को कुमारस्वामी और कांग्रेस के जी परमेश्वर ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। यह पहले ही निर्णय हो चुका है कि कांग्रेस के 21 मंत्री और जदएस के 11 मंत्री होंगे। कांग्रेस गृह-वित्त, सिंचाई समेत कई अहम मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है। जेडीएस वित्त मंत्रालय सीएम कुमारस्वामी के पास रहने देने की मांग कर रही है। गठबंधन में सीटों के बंटवारे के बीच कुमारस्वामी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को राजनीतिक हलके में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से की चर्चा 


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के इलाज के लिए विदेश रवाना हो गए हैं। कुमारस्वामी ने उनकी अनुपस्थिति में कांग्रेस के अन्य नेताओं से चर्चा की। कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी वेणुगोपाल ने बताया कि सबसे पहले विभागों के आवंटन पर अंतिम निर्णय लेना है। यह काम एक से दो दिन में पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अंतिम सूची को कांग्रेस प्रमुख से स्वीकृत कराने से पहले राज्य के नेताओं से इस पर चर्चा की जाएगी। वेणुगोपाल ने ये भी बताया कि राहुल की गैरमौजूदगी से इसमें देर नहीं होगी। वह फोन पर हर समय उपलब्ध हैं।

 

कृपा पर हूं का मतलब जनता का अनादर नहीं 


कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने रविवार को कहा था कि वह कांग्रेस की कृपा से कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं। वह राज्य के साढ़े छह करोड़ लोगों के दबाव में नहीं हैं। इस बयान पर सफाई देते हुए कुमार स्वामी ने कहा कि उनका मतलब लोगों का अनादर करना नहीं था। उन्होंने कहा मैं तो केवल यह कहना चाहता था कि उन्हें पूर्ण बहुमत नहीं है। यह सहयोगी दल की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह कब तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शीर्ष कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करने वाले कुमारस्वामी ने कहा कि वह कृषि ऋण माफी को लेकर प्रतिबद्ध हैं। अगर ऐसा नहीं कर पाए तो सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे।


यह था कुमारस्वामी का पुराना बयान 


एचडी कुमारस्वामी ने पहले कहा था कि मेरी पार्टी ने अकेले सरकार नहीं बनाई है। मैंने लोगों से जनता के अलावा किसी और के दबाव में नहीं आने वाला जनादेश मांगा था। मैं आज पूरी तरह कांग्रेस की कृपा पर निर्भर हो कर रह गया हूं। मैं राज्य के साढ़े छह करोड़ लोगों के दबाव में नहीं हूं। कुमारस्वामी ने कहा राज्य के लोगों ने मुझे और मेरी पार्टी को खारिज कर दिया। मैंने लोगों से पूर्ण बहुमत देने का आग्रह किया था। लेकिन हमें पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हो सका। मैंने किसान नेताओं के बयानों को सुना है और यह भी देखा कि उन्होंने मुझे कितना समर्थन दिया। कुमारस्वामी ने कहा कि नेता के तौर पर उनकी भी कुछ मजबूरियां है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कृषि ऋण माफी को लेकर उनका रुख बिल्कुल साफ है। उन्होंने अपना वादा दोहराया कि हर हाल में किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे। अगर वह ऐसा नहीं कर पाए तो वह सत्ता छोड़ देंगे। 

Created On :   29 May 2018 8:47 AM IST

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