कमलनाथ और पायलट की याचिका पर SC ने EC से मांगा जवाब, 10 सितंबर को अगली सुनवाई

hearing in the Supreme Court on demand of transparency in election
कमलनाथ और पायलट की याचिका पर SC ने EC से मांगा जवाब, 10 सितंबर को अगली सुनवाई
कमलनाथ और पायलट की याचिका पर SC ने EC से मांगा जवाब, 10 सितंबर को अगली सुनवाई
हाईलाइट
  • कमलनाथ
  • जया ठाकुर और सचिन पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका।
  • चुनाव आयोग को दिया गया समय पूरा
  • आज कोर्ट में देना होगा जवाब।
  • मध्यप्रदेश
  • राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में पारदर्शिता बनाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में पारदर्शिता बनाने की मांग पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की गई। कांग्रेस ने तीन राज्यों में चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है। जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष चुनाव आयोग ने अपना जवाब दिया। आयोग ने अपने जवाब में कोर्ट के सामने सिर्फ राजस्थान के मतदाताओं की सूची प्रस्तुत की।

सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि जो प्रस्ताव ले कर आए थे उसका हमने डिटेल जवाब दिया है। कमलनाथ की तरफ से कहा गया कि चुनाव आयोग ने हमें मतदाताओं की सूची नहीं दी। कांग्रेस नेता कमलनाथ और सचिन पायलट की याचिका पर चुनाव आयोग ने कहा कि हमनें मेजर फॉर्मेट दे दिया है लेकिन ये अब वर्ड फॉर्मेट मांग रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जवाब देने को कहा। चुनाव आयोग को बताना है कि पीडीएफ में सर्च हो सकती है या नहीं। साथ ही ये भी कहा है कि अगर राजस्थान के मामले में दिया जा सकता है तो मध्य प्रदेश के मामले में क्यों नहीं। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 10 सिंतबर को करेगी। 


मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, कांग्रेस की जनरल सेक्रेटरी जया ठाकुर और राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार की मांग की थी। इसके अलावा याचिका में मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव में हर सीट की 10 फीसदी VVPAT पर्चियों के ईवीएम से मिलान की मांग की गई है। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट इलेक्शन कमीशन को निर्देश दे कि ईवीएम में डाले गए वोटों का मिलान VVPAT से कराया जा सके।

गौरतलब है कि कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि राज्य में करीब 60 लाख फर्जी वोटर है, ऐसे में चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव में हर सीट की 10 फीसदी VVPAT पर्चियों के ईवीएम से मिलान किया जाए। एमपी में कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस पर अपत्ति जताई थी। जिसकी चुनाव आयोग ने जांच कराने की बात कही थी। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने चुनाव आयोग में शिकायत करने के साथ ही कहा था कि वे इस फर्जीवाड़े को खुलासा करेंगे और चुनाव आयोग का इसका सबूत देंगे कि क्यों जानबूझकर वोटर लिस्ट में फर्जी मतदातओं के नाम जोड़े गए हैं। 

 

 

 

Created On :   31 Aug 2018 10:54 AM IST

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