कांग्रेस-JDS के खिलाफ तत्काल सुनवाई की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू महासभा द्वारा दायर याचिका में प्रारंभिक सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। हिंदू महासभा ने कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सरकार बनाने के राज्यपाल के आमंत्रण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सोमवार शाम को अखिल भारत हिंदू संगठन ने राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले पर स्थगन आदेश देने के लिए तत्काल सुनवाई की मांग की थी। महासभा ने याचिका में कहा है कि चुनाव बाद हुआ यह गठबंधन असंवैधानिक है। महासभा ने कई कारण बताते हुए कोर्ट से स्टे की गुहार लगाई थी।
Supreme court refused to give an early hearing into the petition filed by Hindu Mahasabha that challenged the oath taking ceremony and appointment of H D Kumarswamy as the #Karnataka Chief Minister, stating it is unconstitutional.
— ANI (@ANI) May 22, 2018
बता दें कि कुमारस्वामी 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले जेडीएस नेता और कर्नाटक के भावी मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने सोमवार को दिल्ली पहुंचकर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली। बताते हैं कि यह औपचारिक बैठक थी और सरकार गठन के फॉर्मूले पर अन्य नेताओं से चर्चा हुई।
वहीं, बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में "गंभीर अनियमितताओं" का आरोप लगाते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा है।
#BharatiyaJanataParty state chief #BSYeddyurappa has written a #letter to the #ChiefElectionCommissioner alleging "grave irregularities" in the recently concluded #Karnataka assembly elections.
— ANI Digital (@ani_digital) May 22, 2018
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डिप्टी सीएम के दो पद मांगे गए
बुधवार को होने वाली कांग्रेस-जेडीएस सरकार में दो उप-मुख्यमंत्री होंगे, ताकि दोनों दलों में संतुलन रहे। शपथ के 24 घंटे में कुमारस्वामी विश्वास मत हासिल करेंगे। इसीलिए दोनों दलों के विधायकों को अभी भी होटलों में कैद रखा गया है। बता दें कि शपथ से पहले ही दोनों ही दलों के बीच डिप्टी सीएम, मंत्री और विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई। कुमारस्वामी से मुलाकात के दौरान कांग्रेस की ओर से सरकार में अपने लिए डिप्टी सीएम के दो पद मांगे गए हैं। हालांकि जदएस की ओर से अभी इसे लेकर कोई सहमति नहीं दी गई है।
बीएस येदियुरप्पा सीईसी को पत्र में लिखा कि "मुझे दृढ़ विश्वास है कि चुनाव आयोग ने गंभीर ध्यान दिया है। विजयपुर जिले के मणगुली गांव के पास एक शेड में वीवीपीएटी मशीनों को छोड़ दिया गया। यह कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के संचालन में गंभीर अनियमितताओं को इंगित करता है।"
I am of firm belief that Election Commission has taken a serious note of
— ANI (@ANI) May 22, 2018
VVPAT machines found abandoned in a shed near Managuli village in Vijayapur district. It indicates grave irregularities in conduct of assembly polls in Karnataka: BS Yeddyurappa in letter to CEC (file pic) pic.twitter.com/wf5V1WhnXu
डिप्टी सीएम के दोनों पदों पर कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेता परमेश्वरन और डीके शिवकुमार को बैठाना चाहती है। पार्टी की यह सारी कवायद खेमों में बंटी पार्टी को एकजुट रखने की है। खासकर ऐसे समय जब पार्टी विधायकों के तोड़फोड़ की कोशिश की जा रही है। शपथ ग्रहण को लेकर जिस तरीके से विपक्ष के सभी नेताओं को आमंत्रित किया गया है, उससे वहां विपक्षी दलों की एकजुटता दिखाई देगी।
शपथ ग्रहण में आमंत्रित किए गए ये नेता
फिलहाल शपथ ग्रहण में अब तक जिन नेताओं को आमंत्रित किया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश से सपा नेता अखिलेश यादव, मायावती और आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल शामिल हैं। इसके अलावा माकपा नेता सीताराम येचुरी आदि को भी बुलाया गया है। कांग्रेस इसके जरिए 2019 को लेकर एक बड़ा संदेश देना चाहती है।
Created On :   22 May 2018 11:12 AM IST