मोदी के नेतृत्व में कोरोना से कैसे लड़ रहा देश, जावड़ेकर ने गिनाए कई उदाहरण

How the country is fighting with Corona under Modis leadership, Javadekar cites many examples
मोदी के नेतृत्व में कोरोना से कैसे लड़ रहा देश, जावड़ेकर ने गिनाए कई उदाहरण
मोदी के नेतृत्व में कोरोना से कैसे लड़ रहा देश, जावड़ेकर ने गिनाए कई उदाहरण

नई दिल्ली, 10 अप्रैल(आईएएनएस)। आजादी के 70 साल हो गए थे मगर देश में एन-95 मास्क नहीं बनता था। हम दूसरे देशों पर निर्भर थे। मगर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि देखिए, उनकी कोशिशों की बदौलत आज दो महीने के भीतर देश में पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट(पीपीई) किट बनाने वाली 30 फैक्ट्रियां हो गईं। पहले जांच की सुविधा नहीं थी। कोरोना के टेस्ट के लिए सिर्फ पुणे में एक लैब थी, आज देश में कोरोना वायरस की जांच करने वाली डेढ़ सौ लैब हो गई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को एक फेसबुक लाइव के दौरान कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई अहम कार्यों को गिनाया। जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से नेतृत्व क्षमता दिखाई है, उसने उन्हें वैश्विक स्तर पर स्थापित कर दिया है।

जनवरी में ही कर दिया था सबको अलर्ट

जावड़ेकर ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमें नाज होना चाहिए। जनवरी में ही बैठक लेकर हम सबको बता दिया था कि यह बीमारी आएगी और सबको तकलीफ देगी। उस वक्त हमें भी विश्वास नहीं हो रहा था। उन्होंने उसी समय मन में तैयारियां कर लीं थीं। भारत ने हवाई जहाज से आने वालों की जांच शुरू कर दी। सोशल डिस्टैंसिंग पर तभी से जोर दिया दिया जाने लगा। तब सोशल डिस्टैंसिंग जैसी बात किसी को पता नहीं थी।

एबीवीपी पुणे के फेसबुक पेज से शुक्रवार को लाइव होकर जावड़ेकर ने देश में कोरोना के खिलाफ उठाए गए कदमों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को मालूम था कि जिस अस्पताल में दूसरे मरीज हैं, वहां अलग वार्ड में कोरोना के मरीजों को रखना उचित नहीं है। यही वजह है कि उन्होंने ऐसे मरीजों के लिए मानेसर सहित नए स्थानों की खोज की और नए बेडों की भी व्यवस्था की। घर में मास्क बनाने की पहल शुरू भी कराई और दवाओं का भी स्टाक रहने का काम फरवरी से शुरू कर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे की तैयारियों के लिए भी जनता को तैयार करना शुरू किया। इस सिलसिले में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन करने की उन्होंने अपील की थी। यह अपने आप में आश्चर्य था कि स्वत:स्फूर्त रूप से 130 करोड़ लोग घरों से बाहर ही नहीं निकले। लॉकडाउन के कारण परेशानियों को देखते हुए गरीबों के लिए दो से तीन रुपये किलो की दर से गेहूं और चावल की व्यवस्था की। 80 करोड़ लोगों को गेहूं और चावल मिल रहा है। लेकिन इतने से ही काम नहीं चलने वाला था। इसके कारण आगे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा की। जिससे आने वाले तीन महीने तक हर व्यक्ति को उसकी पसंद से चावल या गेहूं के साथ एक किलो दाल भी मिलने की व्यवस्था हुई। निर्माण श्रमिकों के लिए जमा 31 हजार करोड़ रुपये सेस फंड का हिस्सा राज्यों को देकर उनके खाते में भेजने की व्यवस्था हुई। गुरुवार को 15 हजार करोड़, उससे पहले भी 15 हजार करोड़ और उससे पूर्व एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये राहत की घोषणा हो चुकी है। जनधन की 20 करोड़ महिलाओं के खाते में 500-500 रुपये भेजे गए हैं। आठ करोड़ उज्जवला गैस कार्डधारकों को तीन सिलिंडर मुफ्त मिलने की व्यवस्था हुई।

75 लाख लोग शेल्टर होम में रह रहे

प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि जब रेल और बस सेवाएं बंद हुईं तब यह भी कल्पना हो गई थी कि लोग पैदल भी जा सकते हैं। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर एक-दो दिन में सबको समझाबुझाकर शेल्टर होम में लाने की व्यवस्था हुई। आज 75 लाख मजदूर ऐसे हजारों शेल्टर्स होम में रह रहे हैं। जहां उन्हें खाना-पानी की सुविधा के साथ खेलने और मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध हैं। डॉक्टर्स और नर्स के रहने के लिए फाइव स्टार होटल के कमरे भी सरकार ने लिए हैं।

जावड़ेकर ने कहा, दुनिया के देशों में कोरोना से मृत्यु की संख्या काफी बढ़ गई है, तब भारत में यह संख्या एक मर्यादा में रही है। अमेरिका लॉकडाउन नहीं कर पाया मगर भारत ने लॉकडाउन कर कोरोना से मौतें रोकने में सफलता हासिल की। तब इस पृष्ठिभूमि ने प्रधानमंत्री मोदी को विश्व नेता के रूप में स्थापित किया है। डब्ल्यूएचओ ने भी भारत के प्रयासों की सराहना की है।

-- आईएएनएस

Created On :   10 April 2020 7:30 PM GMT

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