सोशल मीडिया की लत से नींद पूरी नहीं कर पा रहे पायलट,वायुसेना प्रमुख को हादसों का डर
- एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 83 पायलटों में से एक तिहाई लोगों ने कहा कि वह 1 से दो घंटे कम नींद लेने के बाद भी पीक आवर्स में काम कर सकते हैं।
- वायुसेना के विमान क्रैश होने के पीछे सोशल मीडिया जिम्मेदार- बी.एस धनोआ
- सोशल मीडिया पर ज्यादा समय देने के वजह से नींद नहीं ले पाते है पायलट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लड़ाकू विमान क्रैश होने को लेकर वायुसेना प्रमुख बी.एस धनोआ ने बड़ा खुलासा किया है। एयर चीफ बी.एस धनोआ ने इन हादसों के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार बताया। वायुसेना प्रमुख का कहना है कि पायलट सोशल मीडिया पर इतने बिजी होते जा रहे है कि उनकी नींद समय पर पूरी नहीं हो रही है। सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त बिताने की वजह से उन्हे सोने के लिए कम समय मिल रहा है। धनोआ ने इंस्टिट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसा मेकेनिज्म स्थापित करने के लिए कहा गया ह,। ताकि उन पायलटों की पहचान की जा सकी, जिन्होंने टेक ऑफ से पहले पूरी नींद न ली हो।
एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 83 पायलटों में से एक तिहाई लोगों ने कहा कि वह एक से दो घंटे कम नींद लेने के बाद भी पीक आवर्स में काम कर सकते हैं। इतने ही लोगों का कहना था कि नींद की कमी के चलते वह कई बार कॉकपिट में सुस्ती में रहते हैं। नींद की कमी के चलते एयरक्रू का ध्यान प्रभावित होता है। रिएक्शन टाइम बढ़ जाता है और एयरक्राफ्ट की हैंडलिंग कमजोर हो जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी स्थिति में पायलट और अन्य क्रू मेंबर चाय और कॉफी के सहारे काम करने का प्रयास करते हैं। इस तरह की स्थिति में हादसे होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।
बता दें कि साल 2013 में राजस्थान के बाड़मेर जिले में भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसा बाड़मेर से 40 किलोमीटर की दूरी पर हुआ था। वायुसेना प्रमुख ने पांच साल पहले 2013 में हुई लड़ाकू विमान दुर्घटना की बात करते हुए कहा, उस हादसे में पायलट सोशल मीडिया पर इतना ज्यादा बिजी हो गया था कि उसे नींद लेने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया था। इस वजह पायलट का विमान पर नियंत्रण खो गया था। जिसकी वजह से लड़ाकू जेट क्रैश हो गया था। धनोआ ने कहा कि हमें ऐसी प्रणाली की जरूरत है जहां पता चल सके कि पायलट ने नींद अच्छी तरह ली है या नहीं। ताकि इस तरह की घटनाएं आगे ना हो सके। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि मैं चिकित्सा क्षेत्र के लोगों से इस समस्या का समाधान निकालने का अनुरोध करता हूं।
Created On :   15 Sept 2018 2:59 PM IST