अभिनंदन ने दिलाई नचिकेता एपिसोड की याद, जब पाक के चंगुल में फंस गए थे नचिकेता
- 26 वर्षीय पायलट नचिकेता का फाइटर प्लेन बंद हो गया था और पाकिस्तान के इलाके में जा गिरा था।
- इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान शुक्रवार को रिहा करेगा।
- इसी तरह का एक मामला 1999 में भी सामने आया था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान शुक्रवार को रिहा करेगा। पाकिस्तानी घुसपैठ को नाकाम करते हुए अभिनंदन का विमान MIG-21 पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में 27 फरवरी को क्रैश हो गया था। इसी तरह का एक मामला 1999 में भी सामने आया था जब कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी पोस्ट पर हवाई हमला करते वक्त 26 वर्षीय पायलट नचिकेता का फाइटर प्लेन बंद हो गया था और पाकिस्तान के इलाके में जा गिरा था। पाकिस्तान ने नचिकेता को अपनी कैद में ले लिया था। हालांकि 8 दिन बाद वह सुरक्षित भारत लौट आए थे। रिहाई के बाद उन्होंने अपनी पूरी कहानी सुनाई थी।
कारगिल युद्ध। 27 मई 1999, दिन, गुरुवार। बटालिक क्षेत्र में दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने के लिए नचिकेता ने MIG-27 विमान में उड़ान भरी। 17 हजार फीट की ऊंचाई से उन्हें पाकिस्तानी पोस्ट को निशाना बनाना था। जैसे ही नचिकेता ने अपने फाइटर प्लेन से बम गिराया, उन्हें प्लेन में खराबी आ गई। हवा में ही प्लेन के इंजन ने काम करना बंद कर दिया और इंजन से आग निकलने लगी। खुद को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी था कि इंजन को दोबारा चालू किया जाए। तुमानस्की टर्बो इंजन से लैस मिग-27 कि खासियत है कि उसे दोबारा चालू किया जा सकता है। ऐसे में उन्होंने टर्बो इंजन तो चालू कर लिया लेकिन पहाड़ी के काफी करीब होने के कारण उन्हें विमान से खुद को इजेक्ट करना पड़ा।
विमान से जमीन पर लैंड करते ही नचिकेता को सबकुछ सफेद चादर की तरह नजर आ रहा था। बर्फबारी के कारण पहाड़ी बर्फ से ढकी हुई थी। जिस जगह उन्होंने लैंड किया उससे कुछ दूरी पर पाकिस्तानी सेना के कुछ जवान मौजूद थे। जवानों ने नचिकेता पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया। खुद को बचाने के लिए नचिकेता ने कवर लिया। उनके पास केवल एक पिस्टल थी। उन्होंने फायर किया लेकिन इससे केवल 25 यार्ड की दूरी तक ही फायर किया जा सकता था। जबकि पाकिस्तानी सेना के जवान एके-56 राइफल से फायर कर रहे थे। इस बीच पाकिस्तानी उत्तरी लाइट इन्फैंट्री के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया और बुरी तरह पीटने लगे। वो जवान उन्हें मारना चाहते थे लेकिन तभी एक दूसरे ऑफिसर वहां पहुंचे और हालात को संभाला।
नचिकेता को लगने लगा था कि वह अब अगली सुबह नहीं देख पाएंगे, लेकिन ये बात दुनियाभर को पता चल चुकी थी कि वह पाकिस्तान की कैद में है। इसके बाद भारत ने नचिकेता को वापस लाने के प्रयास शुरू किए। उस समय भारत में एनडीए की सरकार थी और और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। इन प्रयासों का नतीजा यह रहा कि 8 दिन बाद नचिकेता को पाकिस्तान को रिहा करना पड़ा और वह भारत लौट आए। इस समय नचिकेता भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन हैं और वे ट्रांस्पोर्ट प्लेन उड़ाते हैं। कारगिल युद्ध के दौरान उनकी रीढ़ की हड्डी को भारी नुकसान पहुंचा था और इसी कारण वह इसके बाद दोबारा कभी फाइटर प्लेन नहीं उड़ा पाए।
Created On :   28 Feb 2019 8:55 PM IST