राम सेतु पर स्टडी कराने से ICHR का इनकार, कहा- ये हमारा काम नहीं

ICHR Not to conduct Study If Ram Setu Was Natural or Man-Made
राम सेतु पर स्टडी कराने से ICHR का इनकार, कहा- ये हमारा काम नहीं
राम सेतु पर स्टडी कराने से ICHR का इनकार, कहा- ये हमारा काम नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टॉरिकल रिसर्च (ICHR) ने राम सेतु प्रोजेक्ट पर किसी तरह की कोई स्टडी करने से मना कर दिया है। दरअसल, पिछले साल मार्च में काउंसिल ने राम सेतु पर स्टडी कराने का फैसला लिया था, जिसके तहत पता लगाया जाना था कि राम सेतु प्राकृतिक है या इसे इंसानों ने बनाया है। मगर अब काउंसिल ने इस तरह की रिसर्च करने से मना कर दिया है। काउंसिल के नए अध्यक्ष अरविंद जामखेड़कर ने रविवार को एक इंटरव्यू में इस बात की जानकारी दी। बता दें कि मार्च 2017 में तत्कालीन अध्यक्ष वाई सुदर्शन ने राम सेतु पर स्टडी कराने की बात कही थी।

राम सेतु पर रिसर्च करना हमारा काम नहीं : ICHR

इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरॉकल रिसर्च (ICHR) के अध्यक्ष अरविंद जामखेड़कर ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा कि "एक इतिहासकार ने इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। इस पर समर्थन देने से काउंसिल के मेंबर्स ने मना कर दिया है, बल्कि वो तो इससे नाराज भी हैं।" उन्होंने कहा कि "हम इसके लिए न तो कोई स्टडी कराने जा रहे हैं और न ही इसके लिए फंडिंग करेंगे।" उन्होंने कहा कि "खुदाई जैसे काम इतिहासकारों के नहीं हैं। इसके लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जैसी संस्थाएं हैं। हम सिर्फ उन्हें सिफारिश कर सकते हैं।" बता दें कि अरविंद जामखेड़कर ने इसी साल 5 मार्च को काउंसिल के अध्यक्ष का पद संभाला था।

पिछले साल ICHR ने की थी घोषणा

दरअसल, मार्च 2017 में ICHR में तत्कालीन अध्यक्ष वाई सुदर्शन राव ने राम सेतु पर स्टडी कराने के लिए "पायलट प्रोजेक्ट" शुरू करने का फैसला किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत राम सेतु की वास्तविकता पता लगाना था। इसके जरिए पता लगाया जाना था कि राम सेतु प्राकृतिक है या इंसानों द्वारा बनाया गया है। हालांकि, इस प्रोजेक्ट पर काम करने से मना कर दिया गया है। इसके बाद वाई सुदर्शन राव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये प्रोजेक्ट उन्होंने शुरू किया था और इस पर वो कुछ काम कर पाते, इससे पहले ही उनका कार्यकाल खत्म हो गया।

 

 



इंसानों ने ही बनाया था राम सेतु : साइंस चैनल का दावा

पिछले साल दिसंबर में एक साइंस चैनल ने अपनी रिसर्च में दावा किया था कि राम सेतु सिर्फ एक कोरी कल्पना नहीं है, बल्कि इसे इंसानों ने ही बनाया है। जियोलॉजिकल साइंटिस्ट (भू-वैज्ञानिक) ने दावा किया है कि पत्थरों से बनी ये चेन पूरी तरह से मानव निर्मित है और ये पत्थर आज से करीब 7000 साल पुराने हैं। चैनल ने "व्हॉट ऑन अर्थ: एंशिएंट लैंड ब्रिज" नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसमें राम सेतु को लेकर कई दावे किए गए थे। 

चैनल ने क्या किए थे दावे?

1.
जियो-लॉजिकल साइंटिस्ट ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की तरफ से ली गई इस ब्रिज की फोटो को पूरी तरह से नेचुरल बताया था। 

2. साइंटिस्टों ने अपनी रिसर्च में पाया था कि भारत से श्रीलंका तक बना 30 मील लंबा ये ब्रिज इंसानों ने ही बनाया है। 

3. इस रिसर्च में साइंटिस्टों ने दावा किया था कि जिस सैंड (रेत) पर ये पत्थर रखे हुए हैं, उन्हें कहीं दूर जगह से लाया गया है। 

4. साइंस चैनल के दावे के मुताबिक, इस ब्रिज को बनाने के लिए जिन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, वो 7000 साल पुराने हैं। 

5. जबकि जिस सैंड (रेत) पर ये पत्थर रखे हुए हैं, वो रेत 4000 साल पुरानी बताई गई है। हालांकि, लोग इसे 5 हजार साल पुराना मानते हैं, क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार ये रामसेतु 5000 साल पहले ही बना था। 

रामसेतु को लेकर क्या है मान्यता? 

दरअसल, वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, जब रावण ने सीता का हरण कर उसे लंका ले गया था, तो सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए भगवान राम ने लंका द्वीप पर चढ़ाई की थी। रामायण में कहा गया है कि राम अपनी पूरी वानर सेना के साथ लंका जा रहे थे, लेकिन बीच में काफी विशाल समुद्र बना था, तो भगवान राम ने सभी देवताओं से विजय के लिए आशीर्वाद मांगा। इनमें समुद्र के देवता वरूण भी थी। वरूण देव से राम ने समुद्र पार जाने के लिए रास्ता मांगा, लेकिन वरूण ने उनकी बात नहीं मानी। इसके बाद भगवान राम ने गुस्से में आकर वरूण देव को समुद्र सुखाने की धमकी दी। 

इसके बाद वरूण ने डरकर भगवान राम को बताया की आपकी सेना में मौजूद नल-नील नाम के वानर जिस पत्थर पर आपका नाम लिखकर समुद्र में डालेंगे, वो तैरने लगेगा। इस तरह से भगवान राम और वानर सेना ने समुद्र पर पुल बनाया और उसे पार करके लंका गए। इसके बाद राम की सेना ने लंका पर हमला कर रावध का वध किया और जीत हासिल की। इसी पुल को "रामसेतु" के नाम से जाना जाता है।

Created On :   9 April 2018 9:59 AM IST

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