विरोध का असरः सरकार का यू-टर्न, नहीं जारी करेगी ऑरेंज पासपोर्ट 

Impact of protest: The U-turn of the government will not issue orange passport
विरोध का असरः सरकार का यू-टर्न, नहीं जारी करेगी ऑरेंज पासपोर्ट 
विरोध का असरः सरकार का यू-टर्न, नहीं जारी करेगी ऑरेंज पासपोर्ट 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑरेंज पासपोर्ट लागू करने को लेकर हो रहे विरोध के बाद सरकार ने ऑरेंज पासपोर्ट से संबंधित फैसला मंगलवार को वापस ले लिया। ऑरेंज पासपोर्ट को लेकर राजनीतिक पार्टियों से लेकर आलोचक कानून विशेषज्ञ खुलकर अपनी टिप्पणी कर रहे थे। जिसके बाद सरकार ने 10वीं से कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए ऑरेंज कलर का पासपोर्ट जारी करने का फैसला 17 दिन बाद वापस ले लिया। विदेश मंत्रालय ने 13 जनवरी को कहा था कि इसीआर (इमीग्रेशन चेक रिक्वायर्ड) पासपोर्ट होल्डर्स को ऑरेंज जैकेट का पासपोर्ट जारी किया जाएगा, जबकि नॉन इसीआर पासपोर्ट होल्डर्स को ब्लू-पासपोर्ट ही जारी किए जाएंगे। इसे जारी करते वक्त पासपोर्ट का आखिरी पेज हटा दिया जाएगा, जिस पर मां-पिता, पति-पत्नी का नाम और एड्रेस होता है। फैसला वापस लेने के बाद आने वाले वक्त में भी सभी को ब्लू कलर का पासपोर्ट मिलता रहेगा। इसी के साथ पासपोर्ट का आखिरी पेज भी प्रिंट होगा। जिस पर मां-पिता, पति-पत्नी का नाम और एड्रेस होता है। बता दें कि इससे पहले 13 जनवरी को विदेश मंत्रालय ने ऑरेंज कलर का पासपोर्ट लाने का एलान किया था

 

 

 

                                        

 

 

गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है कि वह वर्तमान में चल रही प्रक्रिया के अनुसार की पासपोर्ट का आखिरी पेज प्रिंट करेगा और ईसीआर इमिग्रेशन क्लियरेंस रिक्वायर्ड पासपोर्ट होल्डर्स के लिए अलग पासपोर्ट नहीं बनाया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक ऑरेंज पासपोर्ट ऐसे लोगों के लिए जारी किया जाता है जो 10वीं से कम पढ़े लिखे हैं और नौकरी के लिए विदेश जाना चाहते हैं। ईसीआर कैटेगिरी ऐसे आवेदकों के लिए है जो 18 देशों में काम के लिए जाते हैं इनमें से ज्यादातर खाड़ी देश हैं। उन्हें भारत छोड़ने से पहले प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेंट्स के ऑफिस से इमिग्रेशन क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना होता है। 

 

ऑरेंज पासपोर्ट का किसने किया विरोध

 

  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार्य बताते हुए ट्वीट किया थाए भारत के माइग्रेंट मजदूरों को दोयम दर्जे के नागरिक के तौर पर ट्रीट करना स्वीकार्य नहीं है।
  • केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने भी इस योजना को लेकर चिंता जाहिर की थी और केंद्र सरकार से इसमें बदलाव करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था यह फैसला आम मजदूरों और पढ़े लिखे मजदूरों में अंतर पैदा करेगा। जिसमें 10वीं पास नहीं करने वाले मजदूरों के सेकंड क्लास सिटिजन समझा जाएगा
  • आलोचकों ने के मुताबिक यह नागरिकों को संविधान में दिए गए बराबरी के अधिकार के विरुद्ध है। यह एक व्यक्ति की शिक्षा और आर्थिक स्थिति के आधार पर उससे भेदभाव करता है। 
  • कानून के जानकारों ने कहना था कि भले ही यह योजना विदेश जाने वाले भारतीय मजदूरों की रक्षा के बारे में सोचकर बनाई गई, लेकिन इसकी वजह से मजदूर और मजबूर हो सकते हैं और वे नौकरी का झांसा देने वाले दलालों के शिकार हो सकते हैं।
  • केरल हाईकोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर करने वाले वकील ने कहा कि ऐसे में यह विदेशी अधिकारियों को आसानी से पता चल जाएगा कि व्यक्ति कम पढ़ा लिखा है और ऐसे में उसके शोषण की संभावना बढ़ जाएगी।

 

 

जानें इसीआर और नॉन इसीआर कैटेगरी

 

  • 2007 के बाद से पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने वालों को इसीआर और नॉन  इसीआर नाम की दो कैटेगरी में बांटा गया है। 
  • इसीआर का मतलब होता है इमीग्रेशन चेक रिक्वायर्ड। इस कैटेगरी के पासपोर्ट उनके लिए जारी किए जाते हैं जो 10वीं या हाईस्कूल पास नहीं कर पाए हों। 
  • इसीआर पासपोर्ट होल्डर्स को विदेश जाने के लिए इमीग्रेशन ऑफिस से क्लियरेंस सर्टिफिकेट हासिल करना होता है। यानी बिना अनुमति वे विदेश नहीं जा सकते।
  • नॉन इसीआर कैटेगरी में उन सभी को रखा जाता है जो 10वीं पास कर चुके हों। इस कैटेगरी के पासपोर्ट होल्डर्स को क्लियरेंस के लिए इमीग्रेशन ऑफिस नहीं जाना पड़ता।

Created On :   31 Jan 2018 10:57 AM IST

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