निहित स्वार्थ से आपसी भाईचारे और शांति को खतरा : निशंक

Implicit selfishness threatens mutual brotherhood and peace: Nishank
निहित स्वार्थ से आपसी भाईचारे और शांति को खतरा : निशंक
निहित स्वार्थ से आपसी भाईचारे और शांति को खतरा : निशंक
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  • निहित स्वार्थ से आपसी भाईचारे और शांति को खतरा : निशंक

नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को यहां समाज में शांति पर पैदा हुए खतरे को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि निहित स्वार्थ के कारण आपसी भाईचारे और शांति दोनों को खतरा पैदा हो गया है, और ऐसे में गांधी आज अधिक प्रासंगिक हो गए हैं।

निशंक यहां प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।

इस साल के पुस्तक मेले का विषय महात्मा गांधी की लेखन शक्ति को समर्पित है। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने विश्व पुस्तक मेले का थीम गांधी लेखों के लेखक रखा है।

निशंक ने पुस्तक मेले में हिस्सा लेने आए इंग्लैंड, अमेरिका सहित विश्व भर के 600 से अधिक प्रकाशकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज दुनिया भर में आतंकवाद मानव शांति के लिए खतरा बना हुआ है, और निहित स्वार्थ से आपसी भाईचारा और शांति को खतरा पैदा हो गया है। ऐसी स्थिति में महात्मा गांधी की आवश्यकता और बढ़ गई है। महात्मा गांधी व उनके अहिंसा के सिद्धांत अधिक आवश्यक हो गए हैं।

निशंक ने कहा कि दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित पुस्तकों का यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। विश्व पुस्तक मेले में इस बार पुस्तक प्रेमियों के लिए 13 सौ से अधिक स्टॉल्स लगाए गए हैं। मेले में नेत्रहीन पाठकों के लिए विशेष रूप से ब्रेल पुस्तकें रखी गई हैं।

भारतीय भाषाओं की पुस्तकों व प्रकाशकों के साथ ही अबूधाबी, चीन, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, ईरान, जापान, इटली, मेक्सिको, शारजाह, नेपाल, पोलैंड, सऊदी अरब, सिंगापुर, स्पेन, श्रीलंका, लैटिन अमेरिका व कैरीबियन देशों के साथ ही अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देश इस पुस्तक मेले में शामिल हुए हैं। मेला 12 जनवरी तक चलेगा।

Created On :   4 Jan 2020 4:00 PM IST

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