बिहार में उद्घाटन से 24 घंटे पहले ढहा बांध, नीतीश सरकार ने दिए जांच के आदेश

In Bihar Rs 389 crore dam collapses a day before inauguration
बिहार में उद्घाटन से 24 घंटे पहले ढहा बांध, नीतीश सरकार ने दिए जांच के आदेश
बिहार में उद्घाटन से 24 घंटे पहले ढहा बांध, नीतीश सरकार ने दिए जांच के आदेश

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के भागलपुर जिले में पिछले 40 सालों से बन रहा बहुचर्चित बटेश्वर गंगा पंप नहर योजना के बांध का एक हिस्सा उद्घाटन के एक दिन पहले यानी मंगलवार शाम ढह गया। बुधवार को ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस डैम का उद्घाटन करने वाले थे। उद्घाटन से ठीक पहले बांध के ढहने से नीतीश सरकार को शर्मिंदा होना पड़ा है। बिहार सीएम नीतीश कुमार ने इस घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं। जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने बताया कि विभागीय प्रधानसचिव को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। 

बिहार और झारखंड के एक बड़े कृषि भू-भाग को सिंचित किए जाने वाली इस योजना पर 389.31 करोड़ रुपए की लागत आई थी। ट्रायल रन के दौरान स्विच ऑन किए जाने पर पानी के अत्यधिक दबाव के कारण बांध की एक दीवार अचानक से टूट गई, जिस कारण रिहाइशी इलाकों में पानी घुस गया।

जवानों के घर में घुसा पानी
रिपोर्ट के मुताबित बांध के टूटने के बाद पानी के तेज बहाव से कहलगांव, एनटीपीसी टाउनशिप एरिया सीआईएसएफ क्वाटरों के साथ आम नागरिक इलाके और कहलगांव के न्यायाधीश और उप न्यायाधीश के घरों में पानी घुस गया। एक बार जब नदी का पानी जवानों के क्वार्टर में घुसने लगा तो वहां अफरातफरी मच गई। 

पानी के बहाव को रोकने के लिए किया जा रहा है प्रयास
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह भागलपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर जिन इलाकों में पानी फैला है उसे निकाले जाने का काम कर रहे हैं। अरुण सिंह ने बताया कि पानी के बहाव को रोकने के लिए बालू भरे बोरे रखे जा रहे हैं।

इस बांध से दो राज्यों को मिलेगा फायदा
बिहार और झारखंड की इस साझा परियोजना के जरिए भागलपुर में 18620 हेक्टेयर तथा झारखंड के गोड्डा जिला की 4038 हेक्टयर भूमि सिंचित होगी। यानी बिहार और झारखंड दोनों राज्य को फायदा होगा। शुरुआत में यह योजना 13.88 करोड़ रुपए की थी। 1977 में योजना आयोग ने इसकी मंजूरी मिली थी। 
यह योजना लिफ्ट सिंचाई दर्जे की योजना है। इसके तहत भागलपुर के कहलगांव ब्लाक के शेखपुरा गांव के नजदीक गंगानदी के तट पर स्थित कौआ व गंगा नदी के संगम के नजदीक पंप हाउस नंबर एक बनाया गया है। इससे आगे डेढ़ किलोमोटर शिवकुमारी पहाड़ी के नजदीक पंप हाउस नंबर दो बनाया है। इन दोनों से पानी को दो स्टेज पर 17 और 27 मीटर लिफ्ट कर मुख्य नहर व इससे निकली वितरण प्रणाली को सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाना है।

बांध की दीवार के टूटने से उड़ गई है प्रशासन की नींद
बांध की दीवार टूटने के बाद जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ गई है और सभी में हड़कंप मचा है। आपकों बता दें कि कोई भी अधिकारी फोन रिसीव नहीं कर रहा। पीरपैंती के विधायक रामविलास पासवान ने बांध टूटने का कारण इंजीनियर और ठेकेदार के गठजोड़ का नतीजा बताया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि करोड़ों रूपए के सृजन घोटाले के बाद भागलपुर में एक नया ‘घोटाला’ सामने आया है। 

राजद कार्यकर्ताओं ने लगाया नीतीश पर भ्रष्टाचार का आरोप
इस परियोजना द्वारा 27603 हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकता है जिसमें से 22816 हेक्टयर बिहार एवं 4887 हेक्टेयर झारखंड के भूखंड शामिल हैं। इस परियोजना के बांध का एक हिस्सा टूटने पर विपक्षी पार्टी राजद को नीतीश सरकार के खिलाफ हथियार मिल गया और राजद कार्यकर्ताओं ने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भागलपुर में मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री का पुतला दहन किया है। 

Created On :   20 Sep 2017 3:27 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story