चीन के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन में इजाफा

Increase in ceasefire violation from Pakistan amid tension with China
चीन के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन में इजाफा
चीन के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन में इजाफा
हाईलाइट
  • चीन के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन में इजाफा

नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय सेना पहली बार सीमा पर विशिष्ट चुनौतीपूर्ण हालात का सामना कर रही है। एक तरफ भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना के सामने गंभीर स्थिति में है और इसी बीच इसे पाकिस्तानी सेना की तरफ से सीमा पर लगातार संघर्षविराम उल्लंघन का सामना करना पड़ रहा है।

चीन पूर्वी लद्दाख में अपनी विस्तारवादी नीति को आगे बढ़ाते हुए यथास्थिति को बदलने पर उतारू है, जिसकी वजह से हाल ही में भारत और चीन के बीच युद्ध जैसे हालात भी बन चुके हैं। इस बीच पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में गोलाबारी को बढ़ा दिया है और वह लगातार एलओसी पर युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन कर रहा है। इससे भारत के लिए दो मोर्चे पर युद्ध जैसे हालात बन गए हैं।

पिछले महीने जब भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवाद में उलझे हुए थे, उस समय पाकिस्तान ने जम्मू एवं कश्मीर में एलओसी के पास गोलाबारी बढ़ा दी।

एलएसी के पास गलवान घाटी में 15 जून की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। उसी समय पाकिस्तान ने एलओसी के विभिन्न हिस्सों से लगभग 13 से 14 संघर्ष विराम उल्लंघन किए थे।

जून में संघर्ष विराम उल्लंघन के कुल 411 मामले सामने आए। मई में संघर्ष विराम उल्लंघन के 382, अप्रैल में 387, मार्च में 411, फरवरी में 366 और जनवरी में कुल 367 संघर्ष विराम उल्लंघन हुए हैं।

2019 की पहली छमाही में संघर्ष विराम उल्लंघन का आंकड़ा इस संख्या से लगभग आधा रहा था। पिछले वर्ष जनवरी में 203 संघर्ष विराम उल्लंघन हुए थे, जबकि फरवरी में 215, मार्च में 267, अप्रैल में 234, मई में 221 और जून में 181 संघर्ष विराम उल्लंघन दर्ज किए गए थे।

कुल मिलाकर 2019 में संघर्ष विराम उल्लंघन की 3,168 घटनाएं सामने आई थी। वहीं 2018 में लगभग 1,629 संघर्ष विराम की घटनाएं देखी गईं।

भारत ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए। इसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान ने सीमा पार से गोलीबारी बढ़ा दी थी।

पिछले साल अगस्त में संघर्ष विराम उल्लंघन के 307 मामले सामने आए। सितंबर में यह आंकड़ा 292 था और अक्टूबर में अचानक गोलीबारी बढ़ गई और संघर्ष विराम का आंकड़ा बढ़कर 351 हो गया। नवंबर में इसकी संख्या 304 और दिसंबर में 297 थी।

Created On :   7 July 2020 7:01 PM IST

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