ई-स्कूटर से चोट के कारण अस्पताल में भर्ती बच्चों की संख्या बढ़ रही : शोध
- ई-स्कूटर से चोट के कारण अस्पताल में भर्ती बच्चों की संख्या बढ़ रही : शोध
डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। अगर आप ई-स्कूटर की सवारी करते हैं, तो सुरक्षा के लिए सावधानी बरतें, क्योंकि नए शोध में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। घायलों के लिए अस्पताल में भर्ती होने की दर 2011 में प्रत्येक 20 ई-स्कूटर चोटों में 1 से कम से बढ़कर 2020 में अस्पताल में भर्ती होने वाले प्रत्येक 8 में से 1 हो गई।
2022 अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स नेशनल कॉन्फ्रेंस एंड एग्जिबिशन के दौरान प्रस्तुत एक नए शोध के अनुसार, ई-स्कूटर की चोटें अधिक सामान्य और तेजी से गंभीर होती जा रही हैं। चिल्ड्रन नेशनल हॉस्पिटल के प्रमुख लेखक हैरिसन हेवर्ड ने कहा, 2011 से 2020 तक वार्षिक ई-स्कूटर चोटों की संख्या में वृद्धि हुई है, संभवत: कुछ हिस्से में राइडशेयर ई-स्कूटर ऐप्स की लोकप्रियता में वृद्धि के कारण।
हेवर्ड ने कहा, हमारे अध्ययन ने बच्चों में होने वाली चोटों के स्पेक्ट्रम की विशेषता बताई है, जो आपातकालीन कक्ष के डॉक्टरों को उनकी देखभाल के लिए तैयार करने में मदद करता है और माता-पिता और परिवारों को बेहतर सुरक्षा का अभ्यास करने में मदद करता है। अध्ययन के लिए, टीम ने 2011-2020 तक 100 से अधिक अमेरिकी अस्पतालों में आपातकालीन विभागों में देखी गई बाल चिकित्सा ई-स्कूटर की चोटों के एक राष्ट्रीय डेटाबेस की जांच की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्चे किस प्रकार की चोटों को झेल रहे थे और यदि कोई रुझान मौजूद था।
सभी रोगियों में से 10 प्रतिशत से अधिक को सिर में चोट लगी थी, जिसमें कंसीव करना, खोपड़ी में फ्रैक्चर और आंतरिक रक्तस्राव शामिल था। सबसे आम चोटों में हाथ का फ्रैक्चर (27 प्रतिशत), उसके बाद मामूली घर्षण (22 प्रतिशत) और टांके लगाने की जरूरत वाले घाव (17 प्रतिशत) थे। इसके अलावा औसत आयु 11.1 वर्ष थी और 59 प्रतिशत रोगी पुरुष थे। एक अस्पताल में भर्ती 2011 में 4.2 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 12.9 प्रतिशत हो गया।
(आईएएनएस)।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   9 Oct 2022 8:00 PM IST